मिशन मौसम से बदलेगी भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमता, एआई व एचपीसी पर जोर
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मिशन मौसम का लक्ष्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और एआई के जरिए मौसम पूर्वानुमान को अधिक सटीक, विश्वसनीय और समयबद्ध बनाना।
एचपीसी, डॉपलर रडार और उपग्रह प्रणालियों से 6 किलोमीटर रिज़ॉल्यूशन पर उन्नत मौसम भविष्यवाणी संभव।
चरम मौसम घटनाओं की बेहतर चेतावनी और ‘सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी’ पहल को लास्ट माइल कनेक्टिविटी से समर्थन।
दिल्ली/ केन्द्रीय क्षेत्र की योजना "मिशन मौसम" का उद्देश्य देश के मौसम और जलवायु अवलोकन, समझ, मॉडलिंग और पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण सुधार करना है, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर, अधिक उपयोगी, सटीक और समय पर सेवाएं मिल सकें। इसका लक्ष्य पृथ्वी प्रणाली के अवलोकन के विभिन्न घटकों को मजबूत करना है ताकि एक 'अर्थ सिस्टम दृष्टिकोण' को साकार किया जा सके, जिससे सभी को निर्बाध मौसम और जलवायु सेवाओं के लिए सटीक पूर्वानुमान और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली प्रदान की जा सके।
मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं-
· अत्याधुनिक मौसम निगरानी प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों का विकास करना।
· बेहतर सामयिक और स्थानिक नमूनाकरण और कवरेज के साथ उच्च-रिज़ॉल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन लागू करना।
· उन्नत उपकरणों से लैस अगली पीढ़ी के रडार, विंड प्रोफाइलर और उपग्रहों को तैनात करना।
· उन्नत हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) सिस्टम लागू करना।
· मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की हमारी समझ को बढ़ाना और भविष्यवाणी क्षमताओं में सुधार करना।
· एआई/एमएल के उपयोग सहित उन्नत अर्थ सिस्टम मॉडल और डेटा-संचालित तरीके विकसित करना।
· प्रभावी मौसम प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकियां और प्रोटोकॉल तैयार करना।
· एक अत्याधुनिक डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए प्रसार प्रणाली स्थापित करना।
· क्षमता निर्माण और अनुसंधान सहयोग को मजबूत करना।
"मिशन मौसम" के कार्यान्वयन से उच्च स्थानिक और सामयिक रिज़ॉल्यूशन पर मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं के बढ़ने, चरम मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी में सुधार होने और 'सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी' पहल को समर्थन देने हेतु लास्ट माइल तक कनेक्टिविटी मजबूत होने की उम्मीद है। मिशन मौसम के तहत, आईआईटीएम और एनसीएमआरडब्ल्यूएफ में अत्याधुनिक हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणालियाँ स्थापित की गईं, साथ ही कई डॉपलर मौसम रडार और अन्य इन-सीटू (स्थानीय) अवलोकन नेटवर्क भी लगाए गए। इन प्रगतियों ने देश के मौसम निगरानी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है और भविष्यवाणी मॉडलों में सुधार किया है, जिससे लगभग 6 किलोमीटर के स्थानिक रिज़ॉल्यूशन पर पूर्वानुमान लगाना संभव हो पाया है। इसके परिणामस्वरूप, मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता और विश्वसनीयता में काफी सुधार हुआ है।
कुल मिलाकर, मिशन मौसम भारत की मौसम विज्ञान क्षमताओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जो कृषि, आपदा प्रबंधन, परिवहन, ऊर्जा और आम जनजीवन को सुरक्षित और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।