पूर्वोत्तर परियोजनाओं पर सख़्त निगरानी, MDoNER ने सिस्टम किया और मजबूत
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MDoNER ने पूर्वोत्तर में परियोजनाओं की निगरानी के लिए FTSU, PM गति शक्ति और PVS पोर्टल लागू कर पारदर्शिता व गति बढ़ाई।
PM गति शक्ति और PVS पोर्टल से रियल-टाइम ट्रैकिंग, पारदर्शिता और समयबद्ध निष्पादन को बढ़ावा मिला। लंबे समय से अटकी परियोजनाओं पर सख़्त फैसला, 48 परियोजनाएं बंद कर संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया गया।
नई दिल्ली/ उत्तर पूर्वी क्षेत्र के समग्र विकास को गति देने के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) ने परियोजनाओं की निगरानी प्रणाली को और सुदृढ़ किया है। मंत्रालय ने सभी 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों में फील्ड लेवल टेक्निकल सपोर्ट यूनिट्स (FTSU) स्थापित की हैं, जो ज़मीनी स्तर पर परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय करती हैं। ये यूनिट्स पीएम गति शक्ति पोर्टल पर परियोजनाओं के डेटाबेस को बनाए रखने और लगातार अपडेट करने का कार्य कर रही हैं।
मंत्रालय ने निगरानी को और प्रभावी बनाने के लिए प्रोजेक्ट क्वालिटी मॉनिटर्स (PQM) और थर्ड पार्टी टेक्निकल इंस्पेक्शन एजेंसियों (TPTIA) की शुरुआत की है। इसके अलावा, MDoNER और उत्तर पूर्वी परिषद (NEC) के अधिकारी समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण और समीक्षा करते हैं।
वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान कुल 599 परियोजनाओं का निरीक्षण किया गया, जबकि 2025–26 में 12 दिसंबर 2025 तक 198 परियोजनाओं का निरीक्षण पूरा किया जा चुका है।
परियोजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को बेहतर बनाने के लिए मंत्रालय ने पीएम गति शक्ति पोर्टल के साथ गहन एकीकरण किया है। साथ ही, पूर्वोत्तर विकास सेतु (PVS) पोर्टल को पूरी तरह प्रचालनगत कर दिया गया है, जिसके माध्यम से नए प्रस्ताव अपलोड किए जाते हैं, संबंधित मंत्रालयों और नीति आयोग से टिप्पणियां व समर्थन प्राप्त किया जाता है तथा मांग प्रस्तावों का आदान-प्रदान होता है। अब निरीक्षण रिपोर्ट भी इसी पोर्टल के ज़रिए अपलोड की जा रही हैं, जिससे ऑनलाइन ट्रैकिंग और पारदर्शिता बढ़ी है।
MDoNER राज्य सरकारों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित कर पुरानी और विलंबित परियोजनाओं की प्रगति तेज कर रहा है। अत्यधिक विलंब या लंबे समय से रुकी परियोजनाओं को राज्यों से परामर्श के बाद ‘जैसा है वैसा ही’ या ‘पूर्ण रिफंड’ के आधार पर बंद किया गया है।
12 दिसंबर 2025 तक कुल 48 परियोजनाएं बंद की जा चुकी हैं, जिनमें 17 ‘जैसा है वैसा ही’ और 31 ‘पूर्ण रिफंड’ के आधार पर शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि इन सुधारों से जवाबदेही, पारदर्शिता और समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित होगा, जिससे पूर्वोत्तर के विकास को नई गति मिलेगी।