जानकारी के अनुसार मस्जिद के बाहर रखे पत्थर आमजन के आवागमन में बाधा डाल रहे थे। पहले भी स्थानीय लोगों द्वारा इस बारे में कई शिकायतें की गई थीं। इसके बाद सभी पक्षों की सहमति से पत्थर हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि, इसी दौरान कुछ लोग मौके पर पहुंचे और विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण और हिंसक रूप ले गई। भीड़ द्वारा पुलिस पर पथराव और हंगामा किया गया। पुलिस ने तत्काल उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया।
घटना के बाद क्षेत्र में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए इलाके में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं। जयपुर पश्चिम के डीसीपी हनुमान प्रसाद मीना ने बताया कि मस्जिद के बाहर अतिक्रमण को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। एक पक्ष द्वारा स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने लोहे के एंगल लगाकर इसे दोबारा स्थायी रूप देने का प्रयास किया। जब पुलिस इन संरचनाओं को हटाने पहुंची, तभी कुछ लोगों ने विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया।
डीसीपी ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और इलाके में शांति बनी हुई है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और आमजन से संयम और सहयोग बनाए रखने की अपील की गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद के बाहर रखे पत्थरों के कारण पैदल चलने वाले और वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कई बार यह मामला प्रशासन और पुलिस के पास उठाया गया, लेकिन किसी तरह का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। इस विवाद ने स्थानीय समुदाय में असंतोष और नाराजगी पैदा कर दी थी।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण और संरचनाओं को लेकर संवेदनशील मामलों में प्रशासन और पुलिस की सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। पुलिस ने कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों को पहले ही शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि हिंसा और तनाव की स्थिति पैदा न हो।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है और आगे के किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है। प्रशासन का उद्देश्य क्षेत्र में शांति बनाए रखना और आम जनता को सुरक्षित माहौल प्रदान करना है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और पुलिस एवं प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह दिखाया कि अतिक्रमण और स्थानीय विवादों में सामुदायिक सहयोग और प्रशासनिक सतर्कता दोनों की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन ने अपने त्वरित कदमों से स्थिति को नियंत्रण में रखा और आगे भी लगातार निगरानी जारी रखने का आश्वासन दिया है।