श्रीलंकाई नौसेना की कार्रवाई: तमिलनाडु के 12 मछुआरे गिरफ्तार, तटीय इलाकों में चिंता

Tue 23-Dec-2025,04:13 PM IST +05:30

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श्रीलंकाई नौसेना की कार्रवाई: तमिलनाडु के 12 मछुआरे गिरफ्तार, तटीय इलाकों में चिंता Tamilnadu-Fishermen-Arrest
  • श्रीलंकाई नौसेना ने 12 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया.

  • पाक जलडमरूमध्य में समुद्री सीमा पार करने का आरोप.

  • मछुआरों की रिहाई के लिए सरकार से कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग.

Tamil Nadu / Chennai :

Chennai / श्रीलंकाई नौसेना ने मंगलवार को तमिलनाडु के तटीय इलाके से 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। इन मछुआरों पर आरोप है कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार कर श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ी। यह घटना एक बार फिर पाक जलडमरूमध्य और आसपास के क्षेत्रों में भारतीय मछुआरों की सुरक्षा और आजीविका को लेकर उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालती है।

तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये मछुआरे रामेश्वरम और रामनाथपुरम जिले के थंगाचिमाडम के निवासी हैं। घटना के समय मछुआरे धनुषकोडी और तलाईमन्नार के बीच पानी में मछली पकड़ रहे थे। तभी श्रीलंका की नौसेना की एक निगरानी टीम ने उन्हें रोक लिया और उनके साथ उनकी नाव भी जब्त कर ली। मछुआरों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए श्रीलंका के एक नौसैनिक बंदरगाह पर ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई समुद्री सीमा रेखा पार करने और अवैध मछली पकड़ने के आरोप पर की गई।

भारतीय मछुआरों का कहना है कि यह क्षेत्र बेहद संकीर्ण और विवादित है, जिससे अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। सोमवार, 22 दिसंबर को रामेश्वरम फिशिंग जेटी से मछुआरों को लगभग 450 टोकन जारी किए गए थे, जो क्रिसमस और नए साल के मौसम में बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने की तैयारी का संकेत देते हैं। इस बीच, जब्त की गई नाव थंगाचिमाडम के मंथोप्पु क्षेत्र के मछुआरे जोथीबास की थी। हालांकि नाव औपचारिक रूप से पंजीकृत नहीं थी, लेकिन मछुआरे ने मछली पकड़ने का टोकन प्राप्त कर रखा था। यह प्रशासनिक और नियामक खामियों की ओर इशारा करता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मछुआरों के लिए सुरक्षा और पंजीकरण प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

गिरफ्तार मछुआरों में प्रमुख नाम प्रभात (28), जेम्स हीटन (29) और एंटनी (32) शामिल हैं। ये सभी अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं। उनकी गिरफ्तारी की खबर ने रामेश्वरम और आसपास के तटीय गांवों में मछुआरों के बीच चिंता और असुरक्षा की स्थिति पैदा कर दी है। स्थानीय मछुआरों ने बार-बार होने वाली गिरफ्तारियों और नावों की जब्ती पर गहरी चिंता जताई है। उनका मानना है कि इससे उनकी आजीविका सीधे प्रभावित होती है और परिवार के जीवन पर गंभीर असर पड़ता है।

मछुआरों ने तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार दोनों से अपील की है कि वे इस मामले में तुरंत राजनयिक हस्तक्षेप करें और गिरफ्तार मछुआरों तथा जब्त की गई नाव को जल्द से जल्द छुड़ाने का प्रयास करें। क्षेत्र का मछुआरा संघ भी इस घटना पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को आपातकालीन बैठक बुलाने की योजना बना रहा है। इस घटना ने एक बार फिर समुद्री सीमा विवाद, मछुआरों की सुरक्षा और उनके जीवनयापन की जटिलताओं को उजागर किया है।