राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बच्चों को दिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

Fri 26-Dec-2025,04:09 PM IST +05:30

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बच्चों को दिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार राष्ट्रपति-द्रौपदी-मुर्मु-ने-प्रधानमंत्री-राष्ट्रीय-बाल-पुरस्कार-देकर-वीरता,-खेल,-विज्ञान-और-सामाजिक-सेवा-में-उत्कृष्ट-बच्चों-को-सम्मानित-किया।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देकर बच्चों की वीरता, प्रतिभा और सामाजिक योगदान को सम्मानित किया।

  • पुरस्कार विजेता बच्चों ने खेल, विज्ञान, सामाजिक सेवा और साहस जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों से देश का नाम रोशन किया।

  • राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे होनहार बच्चे ही भारत के उज्ज्वल और सशक्त भविष्य की मजबूत नींव हैं।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह में देश के होनहार बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ प्रदान किए। यह पुरस्कार वीरता, सामाजिक सेवा, पर्यावरण संरक्षण, खेल, कला एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाले बच्चों को दिए गए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने सभी पुरस्कार विजेता बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि इन बच्चों ने न केवल अपने परिवार और समुदाय, बल्कि पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन बच्चों की उपलब्धियां देशभर के अन्य बच्चों को भी प्रेरित करेंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि यह पुरस्कार बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा, साहस और सेवा-भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान किए जाते हैं।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी और उनके चार साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि सत्य और न्याय के लिए दिए गए उनके बलिदान को भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया श्रद्धा के साथ याद करती है। उन्होंने विशेष रूप से छोटे साहिबजादों की वीरता को नमन किया, जिन्होंने अत्याचार के सामने झुकने के बजाय बलिदान को चुना।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि किसी भी देश की महानता का आकलन उसके बच्चों में मौजूद देशभक्ति, साहस और उच्च आदर्शों से किया जाता है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि आज के बच्चे वीरता, खेल, नवाचार, विज्ञान, सामाजिक सेवा और कला-संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों में असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कई प्रेरक उदाहरण साझा किए, जिनमें सात वर्षीय शतरंज प्रतिभा वाका लक्ष्मी प्रग्निका, वीरता दिखाने वाले अजय राज और मोहम्मद सिदान पी, अपने साहस के लिए बलिदान देने वाले व्योमा प्रिया और कमलेश कुमार, तथा सैनिकों की सेवा करने वाले श्रवण सिंह शामिल हैं। दिव्यांग खिलाड़ी शिवानी होसुरू उप्पारा और क्रिकेट में रिकॉर्ड बनाने वाले वैभव सूर्यवंशी की भी राष्ट्रपति ने विशेष प्रशंसा की।

अंत में राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि ये होनहार बच्चे भविष्य में भी देश के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे और भारत को एक उज्ज्वल दिशा देंगे।