Mumbai में IALA परिषद बैठक: समुद्री सुरक्षा व वैश्विक मानकों में भारत की बढ़ती भूमिका

Wed 17-Dec-2025,12:32 PM IST +05:30

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Mumbai में IALA परिषद बैठक: समुद्री सुरक्षा व वैश्विक मानकों में भारत की बढ़ती भूमिका
  • मुंबई में आयोजित आईएएलए परिषद बैठक ने वैश्विक समुद्री मानकों, नौवहन सुरक्षा और डिजिटल समाधानों में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत किया।

  • लाइटहाउस पर्यटन के लिए डिजिटल टिकटिंग पोर्टल से 75 स्थलों पर पारदर्शिता, सुविधा और डिजिटल पहुंच को बढ़ावा मिलेगा।

  • तकनीकी सत्रों में नए वैश्विक मानकों को अपनाकर सुरक्षित, समन्वित और सतत समुद्री नौवहन को प्रोत्साहन मिला।

Delhi / New Delhi :

DELHI/ भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अंतर्गत दीपस्तम्भ और दीपपोत महानिदेशालय (DGLL) ने 08 से 12 दिसंबर 2025 के दौरान मुंबई में अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौवहन सहायक संगठन (IALA) की तीसरी परिषद बैठक का सफल आयोजन किया। इस उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय बैठक में 30 से अधिक देशों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी ने समुद्री क्षेत्र में भारत के नेतृत्व पर बढ़ते वैश्विक विश्वास को रेखांकित किया।

परिषद बैठक का वर्चुअल उद्घाटन 09 दिसंबर 2025 को केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। उद्घाटन सत्र में मंत्रालय के सचिव श्री विजय कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। अपने संबोधन में श्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से एक वैश्विक समुद्री नवोन्मेषक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई में आईएएलए परिषद बैठक का आयोजन अंतरराष्ट्रीय समुद्री मानकों को आकार देने, नौवहन सुरक्षा को सुदृढ़ करने और डिजिटल व सतत समाधानों को आगे बढ़ाने में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रमाण है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने लाइटहाउस पर्यटन के लिए डिजिटल टिकटिंग पोर्टल का शुभारंभ भी किया। यह पहल देशभर के 75 लाइटहाउस पर्यटन स्थलों पर डिजिटल पहुंच, पारदर्शिता और आगंतुक सुविधा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

सचिव (PSW) श्री विजय कुमार ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बताया कि 11,000 किलोमीटर से अधिक लंबी तटरेखा, 200 से अधिक बंदरगाहों और लगभग 20,000 किलोमीटर के नौगम्य जलमार्गों के साथ भारत का समुद्री क्षेत्र संपर्क, व्यापार और रोजगार का एक सशक्त केंद्र है। उन्होंने कहा कि विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर भारत में ब्लू इकोनॉमी के लक्ष्यों को हासिल करने में समुद्री नौवहन सहायक प्रणालियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आईएएलए के महासचिव श्री फ्रांसिस जाकारिए ने परिषद बैठक के सफल आयोजन के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए वैश्विक नौवहन सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग में भारत के योगदान की सराहना की। बैठक के तकनीकी सत्रों में आईएएलए की चार प्रमुख समितियों-ARM, ENG, VTS और DTEC के कार्यों पर प्रस्तुतियां और विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इसके परिणामस्वरूप मौजूदा मानकों को अद्यतन किया गया और नए वैश्विक मानकों को अपनाया गया।

कार्यक्रम के अंतर्गत 2027 में प्रस्तावित आईएएलए सम्मेलन एवं महासभा स्थल का दौरा किया गया, जिसे परिषद की औपचारिक स्वीकृति मिली। साथ ही, ऐतिहासिक कन्होजी आंग्रे लाइटहाउस का तकनीकी दौरा भी आयोजित हुआ, जिसने समुद्री विरासत संरक्षण और आधुनिक तकनीक के समन्वय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को उजागर किया।