SC छात्रवृत्ति योजनाओं में DBT से पारदर्शिता बढ़ी, लोकसभा में सरकार का जवाब

Wed 17-Dec-2025,12:57 PM IST +05:30

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SC छात्रवृत्ति योजनाओं में DBT से पारदर्शिता बढ़ी, लोकसभा में सरकार का जवाब
  • एससी प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं में डीबीटी से पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध भुगतान व्यवस्था सुदृढ़ हुई है।

  • नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से राज्य और केंद्र स्तर पर भुगतान और प्रगति की निरंतर डिजिटल निगरानी की जा रही है।

  • सरकार के अनुसार एसटी छात्रवृत्ति योजनाओं में अब तक किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं मिली है।

Delhi / Delhi :

Delhi/ सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (DoSJE) द्वारा संचालित अनुसूचित जातियों (SC) के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के माध्यम से लागू किए जाने से पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित हुआ है। केंद्र सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को वर्ष 2021-22 से तथा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को वर्ष 2022-23 से DBT मोड पर लागू किया है।

इन योजनाओं के अंतर्गत केंद्र सरकार का हिस्सा सीधे पात्र लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में जारी किया जाता है। यह योजनाएं देशभर के सभी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत योग्य छात्रों के लिए ओपन-एंडेड और डिमांड-ड्रिवन हैं। हालांकि, केंद्र का हिस्सा तभी जारी किया जाता है जब राज्य सरकारें या केंद्र शासित प्रदेश अपने हिस्से के भुगतान से संबंधित विवरण नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (NSP) पर अपलोड करते हैं।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ियों या शिकायतों की जानकारी मिलने पर उन्हें तुरंत संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को सुधारात्मक कार्रवाई के लिए भेजा जाता है। चूंकि योजनाओं का वास्तविक कार्यान्वयन राज्यों द्वारा किया जाता है, इसलिए वे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित करते हैं।

DBT प्रणाली को अपनाने का मुख्य उद्देश्य फंड के दुरुपयोग, फर्जी लाभार्थियों और मध्यस्थों की भूमिका को समाप्त करना है। वेब-आधारित निगरानी व्यवस्था के माध्यम से छात्रवृत्ति आवेदनों और भुगतान की निरंतर समीक्षा की जाती है, जिससे सबसे गरीब अनुसूचित जाति परिवारों तक सहायता समय पर पहुंच सके।

इन योजनाओं की नियमित समीक्षा राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्तर की बैठकों, फील्ड विजिट तथा राष्ट्रीय सम्मेलनों और चिंतन शिविरों के माध्यम से की जाती है। इनमें केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य संबंधित पक्ष भाग लेते हैं।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए संचालित प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं में किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।