भारतीय रेलवे का हरित कदम: 2,626 स्टेशन सौर ऊर्जा से जुड़े, स्वच्छ संचालन को बढ़ावा
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भारतीय रेलवे ने 2,626 स्टेशनों को सौर ऊर्जा से जोड़कर स्वच्छ, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल रेल परिचालन की दिशा में बड़ा कदम उठाया।
नवंबर 2025 तक 898 मेगावाट सौर क्षमता के साथ रेलवे ने 2014 की तुलना में लगभग 244 गुना ऊर्जा वृद्धि हासिल की।
कर्षण और गैर-कर्षण दोनों जरूरतों में सौर ऊर्जा उपयोग से कार्बन उत्सर्जन घटाने और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिली।
भारतीय रेलवे ने स्वच्छ और संवहनीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए अपने रेल नेटवर्क में सौर ऊर्जा के उपयोग को तेजी से बढ़ाया है। वर्तमान में देशभर के 2,626 रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं, जिससे ऊर्जा लागत में कमी आई है और पर्यावरण के अनुकूल रेल परिचालन को बल मिला है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान इस दिशा में और तेजी देखी गई। नवंबर 2025 तक 318 नए रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जोड़े गए, जिससे कुल सौर ऊर्जा उपयोग करने वाले स्टेशनों की संख्या 2,626 तक पहुंच गई। यह पहल भारतीय रेलवे की दीर्घकालिक ऊर्जा रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रेलवे ने सौर ऊर्जा क्षमता के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नवंबर 2025 तक भारतीय रेलवे ने अपने परिचालन के लिए 898 मेगावाट सौर ऊर्जा का उपयोग शुरू कर दिया है। वर्ष 2014 में यह क्षमता मात्र 3.68 मेगावाट थी, जिससे तुलना करने पर लगभग 244 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। कुल स्थापित क्षमता में से 629 मेगावाट ऊर्जा कर्षण उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा रही है, जो सीधे इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन को सशक्त बनाती है।
शेष 269 मेगावाट सौर ऊर्जा का उपयोग गैर-कर्षण आवश्यकताओं के लिए किया जा रहा है, जिसमें स्टेशन की लाइटिंग, वर्कशॉप, सेवा भवन और रेलवे आवास शामिल हैं। यह संतुलित उपयोग पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है और परिचालन दक्षता को बेहतर बनाता है।
रेलवे स्टेशनों, भवनों और उपलब्ध भूमि पर लगाए गए सौर पैनल बढ़ती ऊर्जा मांग को स्वच्छ तरीके से पूरा कर रहे हैं। इससे ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो रही है और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों को गति मिल रही है। ये पहलें 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।