चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान समारोह में बोले शिवराज सिंह चौहान-ग्रामीण विकास को बताया विकसित भारत की नींव
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शिवराज सिंह चौहान ने चौधरी चरण सिंह को किसान कल्याण और ग्रामीण विकास का प्रतीक बताते हुए उनके सिद्धांतों को आज भी प्रासंगिक बताया।
“विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार” कानून से 125 दिन रोजगार और गांवों में स्थायी विकास कार्य सुनिश्चित होंगे।
लैब टू लैंड विजन के तहत वैज्ञानिक सीधे खेतों में जाकर किसानों से संवाद कर शोध को व्यावहारिक बनाएंगे।
नई दिल्ली | 20 दिसंबर 2025 केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान समारोह में भाग लेते हुए कहा कि चौधरी चरण सिंह किसान कल्याण, ग्रामीण समृद्धि और सामाजिक न्याय के प्रतीक थे। यह कार्यक्रम किसान ट्रस्ट द्वारा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से प्रगतिशील किसान, कृषि विशेषज्ञ और संस्थान शामिल हुए।
अपने संबोधन में श्री चौहान ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन गांव, गरीब और किसान के उत्थान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश की वास्तविक समृद्धि का मार्ग किसान के खेत की मेड़ से होकर गुजरता है। उन्होंने चौधरी साहब को सच्चाई, विनम्रता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताते हुए कहा कि आज भी उनकी सोच भारत की ग्रामीण नीतियों को दिशा देती है।
केंद्रीय मंत्री ने स्वतंत्रता आंदोलन में चौधरी चरण सिंह की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर नमक सत्याग्रह में भाग लिया, जेल गए और आजादी के बाद भी अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखा। उन्होंने कहा कि जमींदारी प्रथा के उन्मूलन में चौधरी चरण सिंह का योगदान ऐतिहासिक है, जिससे लाखों किसानों को भूमि का अधिकार मिला।
समारोह के दौरान श्री शिवराज सिंह चौहान ने पुस्तक विमोचन किया और कृषि रत्न पुरस्कार 2025 सहित विभिन्न श्रेणियों में प्रगतिशील किसानों और संस्थानों को सम्मानित किया। इनमें श्री सत्यवान सहरावत, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के डॉ. देवेंद्र कुमार यादव, फ्रूवेटेक प्राइवेट लिमिटेड और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन शामिल रहे।
ग्रामीण रोजगार पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में पारित “विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)” कानून को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत अब 100 की जगह 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल मिट्टी खोदने जैसे कार्यों से रोजगार गारंटी की सार्थकता सिद्ध नहीं होती थी, इसलिए कानून में बदलाव कर रोजगार को गांव के वास्तविक विकास से जोड़ा गया है।
श्री चौहान ने बताया कि नए प्रावधानों के तहत गांव खुद तय करेंगे कि कौन से विकास कार्य किए जाएं। अब मनरेगा के तहत स्कूल, नाली, सड़क, पुलिया और खेत तक जाने वाली सड़क जैसे स्थायी निर्माण कार्य भी किए जाएंगे। इससे रोजगार भी मिलेगा और गांवों की तस्वीर भी बदलेगी।
उन्होंने कहा कि किसान और श्रमिकों के बीच संतुलन बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। बुवाई और कटाई जैसे कृषि कार्यों में लगे श्रमिकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर पंचायतों का वर्गीकरण किया गया है, ताकि संसाधनों का न्यायसंगत वितरण हो सके।
केंद्रीय मंत्री ने लैब टू लैंड विजन पर जोर देते हुए कहा कि वैज्ञानिकों को प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रखा जाएगा। अब वैज्ञानिक सीधे खेतों में जाकर किसानों से संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के अनुरूप शोध करेंगे। उन्होंने नकली उर्वरक और कीटनाशकों पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार इनके खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है।
अपने संबोधन के अंत में श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार गरीब कल्याण, किसान उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करती रहेगी। उन्होंने किसान ट्रस्ट से आगामी बजट और दीर्घकालिक कृषि योजनाओं के लिए सुझाव देने का भी आग्रह किया।