असम और पूर्वोत्तर भारत के विकास का नया प्रवेश द्वार-प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के उद्घाटन के अवसर पर कहा

Sun 21-Dec-2025,12:13 AM IST +05:30

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असम और पूर्वोत्तर भारत के विकास का नया प्रवेश द्वार-प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के उद्घाटन के अवसर पर कहा PM-Modi-Inaugurates-New-Guwahati-Airport-Terminal,-Northeast-Set-to-Lead-India-Growth
  • गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से असम और पूर्वोत्तर की हवाई कनेक्टिविटी, पर्यटन, व्यापार और वैश्विक निवेश को बड़ी गति मिलने वाली है।

     

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचा राज्य के विकास, युवाओं के अवसर और जनता के बढ़ते विश्वास का सबसे मजबूत स्तंभ होता है।

  • नया टर्मिनल “बांस के बाग” थीम पर आधारित भारत का पहला प्रकृति-थीम हवाई अड्डा है, जो विरासत और विकास का संतुलन दर्शाता है।

Assam / Guwahati :

गुवाहाटी/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम के गुवाहाटी में स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अत्याधुनिक नए एकीकृत टर्मिनल भवन का भव्य उद्घाटन किया। यह उद्घाटन न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए संपर्क, आर्थिक विस्तार और वैश्विक भागीदारी के एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।

उद्घाटन समारोह के दौरान एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक हवाई अड्डे और उन्नत कनेक्टिविटी किसी भी राज्य के लिए विकास के नए द्वार खोलते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज असम और पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास का नया प्रवेश द्वार बन रहा है और आने वाले वर्षों में यही क्षेत्र देश के भविष्य के विकास का नेतृत्व करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने असम की जनता से अपने भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां की माताओं, बहनों और युवाओं का स्नेह उन्हें निरंतर प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि असम की धरती से विकास की जो रोशनी फैल रही है, वह जीवन के हर मार्ग को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।

उन्होंने भारत रत्न भूपेन हजारिका की पंक्तियों का स्मरण करते हुए कहा कि ब्रह्मपुत्र के तट पर विकास का उजाला फैलना अब केवल कल्पना नहीं बल्कि राष्ट्र का संकल्प बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह ब्रह्मपुत्र की धारा कभी नहीं रुकती, उसी तरह असम में विकास की गति भी अब अविराम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नया टर्मिनल इसी संकल्प का सशक्त प्रमाण है। यह टर्मिनल असम की प्रकृति, संस्कृति और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। उन्होंने असम की जनता को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने असम के प्रथम मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने असम की पहचान, संस्कृति और भविष्य से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि बोरदोलोई की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को असम के गौरव और आत्मसम्मान की प्रेरणा देती रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचा केवल ईंट और सीमेंट नहीं होता, बल्कि यह जनता के विश्वास का प्रतीक होता है। उन्होंने कहा कि जब लोग असम में नए हवाई अड्डे, चौड़े राजमार्ग और तेज़ रेल संपर्क देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि राज्य के साथ अब वास्तविक न्याय हो रहा है।

उन्होंने पिछली सरकारों की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दशकों तक असम और पूर्वोत्तर को विकास की मुख्यधारा से दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि पहले यह मानसिकता थी कि “असम और पूर्वोत्तर कौन जाता है”, लेकिन आज असम देश और दुनिया को दिशा दिखा रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में असम और पूर्वोत्तर में लाखों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं। असम आज भारतीय न्याय संहिता लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन चुका है और 50 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

उन्होंने युवाओं के लिए बदले हुए माहौल का जिक्र करते हुए कहा कि अब बिना रिश्वत और सिफारिश के नौकरियां मिल रही हैं, जिससे विश्वास की नई संस्कृति विकसित हुई है।

प्रधानमंत्री ने असम की संस्कृति के वैश्विक मंच पर प्रचार का भी उल्लेख किया। उन्होंने 2023 में गुवाहाटी में हुए ऐतिहासिक बिहू नृत्य कार्यक्रम को याद किया, जिसमें 11,000 से अधिक कलाकारों ने एक साथ प्रस्तुति देकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।

नए टर्मिनल भवन की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे गुवाहाटी और असम की यात्री क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। यह टर्मिनल प्रतिवर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम है, जिससे पर्यटन, व्यापार और तीर्थ यात्रा को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने बताया कि मां कामाख्या के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को इससे बड़ी सुविधा मिलेगी। टर्मिनल को “बांस के बाग” थीम पर डिजाइन किया गया है, जो असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने बांस के व्यापक उपयोग को ऐतिहासिक सुधारों से जोड़ा और कहा कि 2017 में भारतीय वन अधिनियम में किए गए संशोधन के कारण आज बांस आधारित संरचनाएं संभव हो सकी हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मजबूत बुनियादी ढांचा उद्योगों को आकर्षित करता है, निवेश बढ़ाता है और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंच देता है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे अधिक लाभ युवाओं को मिलता है, जिनके लिए नए अवसर पैदा होते हैं।

उन्होंने कहा कि असम आज असीम संभावनाओं की उड़ान पर है और भारत के विकास की नई कहानी पूर्वोत्तर से लिखी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसमें आधुनिक अवसंरचना की निर्णायक भूमिका है। उन्होंने कहा कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत असम अब भारत को आसियान देशों से जोड़ने वाला सेतु बन रहा है।

उन्होंने ब्रह्मपुत्र पर बने नए पुलों, वंदे भारत एक्सप्रेस, जलमार्ग विकास और क्रूज पर्यटन का उल्लेख करते हुए कहा कि असम की कनेक्टिविटी ने उसकी तस्वीर और तकदीर दोनों बदल दी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां कभी हिंसा और अशांति थी, आज वहां 4G-5G, डिजिटल सेवाएं और औद्योगिक संभावनाएं पहुंच रही हैं। उन्होंने असम सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के संसाधनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जा रहा है।

अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत की ओर उम्मीद से देख रही है और भारत के भविष्य का सूर्योदय पूर्वोत्तर से ही होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि ये सामूहिक प्रयास असम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।