काशी विश्वनाथ धाम में तमिल अतिथियों का भव्य स्वागत, संगमम् ने सांस्कृतिक संबंधों को किया सुदृढ़
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काशी विश्वनाथ धाम में तमिल अतिथियों का वेदध्वनि, डमरू और पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत, सांस्कृतिक जुड़ाव का अनूठा उदाहरण पेश किया।
संगमम् समूह ने विस्तृत कॉरिडोर का भ्रमण कर काशी की नवनिर्मित सुविधाओं, प्राचीन गौरव और आध्यात्मिक विरासत को करीब से समझा।
अन्नक्षेत्र प्रसाद और राम मंदिर व संगम स्नान की यात्रा ने अतिथियों को दो राज्यों की साझा परंपराओं से गहराई से जोड़ा।
Kashi/ काशी तमिल संगमम् के छठवें समूह के काशी आगमन पर शुक्रवार को काशी विश्वनाथ धाम में भव्य और भावनापूर्ण स्वागत किया गया। मंदिर के शास्त्रियों ने पारंपरिक पुष्पवर्षा, डमरू-वादन और वेदध्वनि के साथ सभी महिला अतिथियों का सम्मान किया। वातावरण “हर हर महादेव” और “जय विश्वनाथ” के गगनभेदी जयघोष से गूंज उठा, और अतिथियों ने श्री विश्वेश्वर के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की।
स्वागत समारोह के बाद मंदिर प्रशासन ने समूह को नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण कराया। धाम की विशालता, इसके आधुनिकीकरण, प्राचीन स्थापत्य और यात्रियों के लिए विकसित सुविधाओं से सभी प्रभावित दिखाई दिए। भ्रमण पूर्ण होने के उपरांत सभी अतिथियों को मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में दोपहर का प्रसाद प्रदान किया गया, जिसने काशी की सेवा-परंपरा और अतिथि-सत्कार की अनूठी छाप छोड़ी।
तमिलनाडु से आई अतिथि ज्योतिका ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम अब अत्यंत भव्य स्वरूप में तैयार है। उनके अनुसार, पहले मंदिर पहुंचने का मार्ग संकरी गलियों से होकर गुजरता था, लेकिन अब इसका विस्तार और सुव्यवस्थापन प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि संगम स्नान और 500 वर्षों बाद पुनर्निर्मित अयोध्या राम मंदिर के दर्शन भी उनकी यात्रा का हिस्सा हैं, जिसे लेकर वे बेहद उत्साहित हैं।
काशी तमिल संगमम् का यह चरण न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि तमिल और काशी की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक एकता को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस परिकल्पना का भी प्रतीक है, जिसका उद्देश्य दोनों क्षेत्रों की परंपराओं को जोड़कर साझा विरासत को सशक्त बनाना है।