राष्ट्रपति मुर्मु ने मणिपुर में विकास परियोजनाओं का शुभारंभ कर आदिवासी कल्याण व समावेशी प्रगति पर बल दिया
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सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और आजीविका में तेज सुधार का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने मणिपुर के पहाड़ी व घाटी क्षेत्रों में संतुलित प्रगति की आवश्यकता बताई।
मणिपुर के सेनापति में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए आदिवासी समुदायों के सम्मान और समावेशी विकास पर जोर दिया।
Manipur/ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को मणिपुर के सेनापति जिले में आयोजित एक भव्य सार्वजनिक समारोह में शिरकत की, जहां उन्होंने राज्य के समग्र विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मणिपुर के आदिवासी समुदाय देश की सांस्कृतिक व सामाजिक पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं, और उनके सम्मान, सुरक्षा एवं विकास के अवसर बढ़ाना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार मणिपुर में सतत, समावेशी और समुदाय आधारित विकास को मजबूत करने के लिए स्थानीय नेतृत्व, नागरिक समाज और विभिन्न समुदायों के साथ मिलकर कार्य कर रही है। हाल के वर्षों में पहाड़ी जिलों में सड़क व पुल संपर्क, राष्ट्रीय व ग्रामीण मार्गों का विस्तार, स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, पेयजल और बिजली आपूर्ति जैसी आधारभूत सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साथ ही कौशल प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह, वन धन विकास और आजीविका-संबंधी योजनाओं ने स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि मणिपुर की वास्तविक शक्ति उसकी विविधता और सांस्कृतिक विरासत में निहित है। पहाड़ और घाटी एक ही भूमि के पूरक स्वरूप हैं, जो राज्य की समृद्ध पहचान को जीवंत रूप देते हैं। उन्होंने सभी समुदायों से शांति, संवाद, सुलह और स्थायी प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने का आग्रह किया। उनका कहना था कि भारत सरकार मणिपुर के लोगों की आकांक्षाओं को बखूबी समझती है और उनके कल्याण के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने इम्फाल स्थित नुपी लाल स्मारक परिसर पहुंचकर मणिपुर की वीर महिला योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक उन ऐतिहासिक महिला आंदोलनों की याद दिलाता है, जिनमें मणिपुरी महिलाओं ने औपनिवेशिक शासन और सामंती शक्तियों के विरुद्ध अदम्य साहस प्रदर्शित किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि इन महिलाओं का साहस, आत्मसम्मान और संघर्ष आज भी देशभर की महिलाओं को प्रेरणा देता है।