इंडिगो संकट के बाद बड़ा फैसला, 3 नई एयरलाइंस को मंजूरी, बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा
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मोदी सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को NOC देकर भारतीय विमानन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और इंडिगो की मोनोपोली तोड़ने का रास्ता खोला।
इंडिगो उड़ान संकट के बाद लिया गया यह फैसला यात्रियों को अधिक विकल्प, बेहतर सेवाएं और किफायती हवाई किराया उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
UDAN योजना और नई नीतियों के चलते भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन मार्केट्स में शामिल हो चुका है।
नई दिल्ली/ भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस की हजारों उड़ानों के रद्द होने से उत्पन्न संकट के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए तीन नई एयरलाइंस, शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को परिचालन की दिशा में हरी झंडी दे दी है। इस कदम को भारतीय विमानन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और किसी एक एयरलाइन की मोनोपोली को खत्म करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बुधवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि सरकार ने इच्छुक कंपनियों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद नई एयरलाइंस के लिए रास्ता साफ किया है। मंत्री के अनुसार, शंख एयर को पहले ही मंत्रालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिल चुका है, जबकि अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को इस सप्ताह अपना NOC प्रदान कर दिया गया है।
नायडू ने कहा कि बीते एक सप्ताह में उन्होंने इन तीनों प्रस्तावित एयरलाइंस की टीमों से मुलाकात की और उनके विजन, परिचालन योजना तथा निवेश संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य भारतीय आसमान में अधिक से अधिक एयरलाइंस को प्रोत्साहित करना है, ताकि यात्रियों को बेहतर विकल्प, किफायती किराए और मजबूत कनेक्टिविटी मिल सके।
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में शामिल है। उन्होंने कहा कि UDAN जैसी योजनाओं ने स्टार एयर, इंडिया वन एयर और Fly91 जैसे छोटे कैरियर्स को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया है। आने वाले समय में इस सेक्टर में और भी विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिसंबर के पहले सप्ताह में इंडिगो की 4,000 से अधिक उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसी एक बड़ी एयरलाइन पर अत्यधिक निर्भरता पूरे सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। नई एयरलाइंस के आने से न केवल प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि परिचालन जोखिम भी बंटेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन नई एयरलाइंस के प्रवेश से टिकट कीमतों पर दबाव कम होगा, क्षेत्रीय मार्गों पर कनेक्टिविटी सुधरेगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सरकार का यह कदम भारतीय विमानन उद्योग को अधिक संतुलित, प्रतिस्पर्धी और यात्री-केंद्रित बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल माना जा रहा है।