उपराष्ट्रपति ने ‘मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तिकरण’ पुस्तक का विमोचन किया
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पुस्तक विमोचन में उपराष्ट्रपति ने मोदी युग के आर्थिक सुधारों, शासन पारदर्शिता और भारत की वैश्विक आर्थिक मजबूती पर विस्तृत दृष्टिकोण रखा।
भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 के विकसित भारत लक्ष्य पर विशेष जोर दिया गया।
New Delhi/ उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज उपराष्ट्रपति आवास में सांसद प्रोफेसर (डॉ.) सिकंदर कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तिकरण” का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, साहसिक निर्णयों और परिवर्तनकारी आर्थिक नीतियों का प्रामाणिक दस्तावेज है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने न केवल आर्थिक संरचनाओं में बड़े सुधार किए हैं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मविश्वास में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी है।
पुस्तक में दिवालियापन एवं शोधन अक्षमता संहिता, डिजिटल गवर्नेंस, पारदर्शी बैंकिंग व्यवस्था और कर सुधार जैसे संरचनात्मक परिवर्तनों का विश्लेषण किया गया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये सुधार केवल नीतिगत बदलाव नहीं, बल्कि दशकों पुरानी अक्षमताओं और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उठाए गए निर्णायक कदम हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि यह अब एक प्रभावी प्रशासनिक मॉडल बन चुका है। जनधन–आधार–मोबाइल (JAM) त्रिमूर्ति के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण ने शासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाया है। उन्होंने बताया कि अब तक 47 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित की जा चुकी है।
उपराष्ट्रपति ने जीएसटी को स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े सुधारों में से एक बताते हुए कहा कि इसने देश को एकीकृत राष्ट्रीय बाजार में परिवर्तित किया है। साथ ही, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और यूपीआई जैसी पहलों ने उद्यमिता और नवाचार को नई गति दी है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक भरोसेमंद भागीदार बना रहा है। यह यात्रा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में सामाजिक न्याय, तकनीकी उन्नति और सतत विकास के संतुलन के साथ आगे बढ़ रही है।