बालानंद शर्मा का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव भले ही प्रत्यक्ष रूप से सीमित रहा हो, लेकिन उनका सैन्य और रणनीतिक अनुभव उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए एक मजबूत चेहरा बनाता है। नेपाली मीडिया के अनुसार, शर्मा ने नेपाल की शांति प्रक्रिया में निर्णायक भूमिका निभाई है। वर्ष 2006 में जब तत्कालीन सीपीएन (माओवादी) मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हुई, तब माओवादी लड़ाकों के नेपाल सेना में एकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए गठित तकनीकी समिति के वे समन्वयक रहे। इस दौरान उन्होंने संवेदनशील और जटिल सैन्य एकीकरण को संतुलन और समझदारी के साथ संभाला, जिसे नेपाल की शांति स्थापना की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
करीब 39 वर्षों तक नेपाल सेना में सेवा देने वाले बालानंद शर्मा ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण नेतृत्वकारी पदों पर काम किया। इसके अलावा वे लगभग चार वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय शांति-स्थापना मिशनों में भी तैनात रहे, जहां उन्हें वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा व्यवस्था को नजदीक से समझने का अवसर मिला। कोविड-19 महामारी के कठिन दौर में भी उन्होंने राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाते हुए कोविड-19 संकट प्रबंधन समिति के प्रमुख के रूप में कार्य किया और सरकार को अहम रणनीतिक सुझाव दिए।
प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के लिए यह मंत्रिमंडल विस्तार बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि अंतरिम सरकार पर पांच मार्च को आम चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में अनुभवी और भरोसेमंद चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करना राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक संतुलन के लिहाज से जरूरी समझा जा रहा है। शर्मा की नियुक्ति को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
वर्तमान कैबिनेट में प्रधानमंत्री सुशीला कार्की रक्षा और पीने के पानी के मंत्रालयों का भी प्रभार संभाल रही हैं। रमेशोर खनाल वित्त, संघीय मामले और सामान्य प्रशासन देख रहे हैं, जबकि कुलमन घिसिंग के पास ऊर्जा, जल संसाधन, भौतिक अवसंरचना और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी ओम प्रकाश आर्यल के पास है और विदेश मंत्रालय अब बालानंद शर्मा संभालेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, संचार, युवा एवं खेल, श्रम, पर्यावरण और महिला एवं बाल विकास जैसे मंत्रालयों में भी विभिन्न अनुभवी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
कुल मिलाकर, बालानंद शर्मा की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति को नेपाल की अंतरिम सरकार द्वारा स्थिरता, अनुभव और संतुलन पर दिए जा रहे जोर के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने सैन्य अनुभव और अंतरराष्ट्रीय समझ को नेपाल की विदेश नीति में किस तरह रूपांतरित करते हैं।