सिंगाही थाना विवाद: युवती से मारपीट के आरोप, पुलिस पर जबरन तहरीर लिखवाने का गंभीर मामला
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Lakhimpur-Marpit
सिंगाही थाना क्षेत्र में युवती से मारपीट का सनसनीखेज आरोप.
पुलिस पर जबरन तहरीर लिखवाने और आरोपी बचाने का दावा.
वायरल वीडियो से पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल.
Lakhimpur / लखीमपुर खीरी जिले के सिंगाही थाना क्षेत्र से एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। वार्ड नंबर 3 की एक युवती ने थाना पुलिस पर निष्पक्ष कार्रवाई न करने, दबंगों को बचाने और मानसिक उत्पीड़न करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले ने न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है।
घर में घुसकर मारपीट का आरोप
पीड़िता का आरोप है कि कुछ दबंग लोग जबरन उसके घर में घुस आए और उसके साथ मारपीट, गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की। युवती के अनुसार, आरोपियों की नीयत भी सही नहीं थी और उसने इसका विरोध किया। घटना के बाद पीड़िता न्याय की उम्मीद लेकर सिंगाही थाने पहुंची, लेकिन वहां उसे राहत मिलने के बजाय और परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पुलिस पर जबरन तहरीर लिखवाने का आरोप
पीड़िता का कहना है कि सिंगाही थाना पुलिस ने उसकी मर्जी के खिलाफ तहरीर लिखवाई। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने खुद बोल-बोलकर तहरीर लिखवाने का दबाव बनाया। इसी दौरान थाने के अंदर का एक वीडियो भी सामने आया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में तैनात पुलिसकर्मी तहरीर की भाषा तय करते और पीड़िता को उसी अनुसार लिखने के लिए कहते दिखाई दे रहे हैं।
मुख्य आरोपी को बचाने का आरोप
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर मुख्य आरोपी का नाम तहरीर से हटवा दिया और उसकी जगह उसके नौकर को आरोपी बना दिया गया। युवती का कहना है कि ऐसा प्रभावशाली दबंगों को बचाने के लिए किया गया। इस कदम ने पुलिस की निष्पक्षता और ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
थाने में घंटों बैठाने का आरोप
पीड़िता के अनुसार, बीते बुधवार सुबह करीब 11 बजे उसे थाने बुलाया गया और पूरे दिन वहीं बैठाए रखा गया। शाम 6 बजकर 14 मिनट तक FIR दर्ज नहीं की गई। युवती का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने मामले को हल्का दिखाने और समझौते का दबाव बनाने की कोशिश की, जिससे उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ा।
एसपी से की शिकायत, निष्पक्ष जांच की मांग
थाना स्तर पर न्याय न मिलने के बाद पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा है। इसमें उसने आरोपियों पर गलत नीयत से दुर्व्यवहार करने, पुलिस पर मानसिक उत्पीड़न और दबंगों को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
महिला सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था पर सवाल
इस पूरे प्रकरण ने महिला सुरक्षा और थाना स्तर पर पुलिस की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद लोगों में नाराजगी है और उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।