बरेली में बारात हंगामा: दहेज की लालसा ने शादी को बनाया विवाद
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Wedding-Controversy
बरेली में शादी में दहेज विवाद.
दुल्हन ने शादी से इनकार किया.
पुलिस ने दूल्हा और परिजन हिरासत में लिया.
Bareilly / उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार देर रात एक शादी के अवसर पर दहेज को लेकर बड़ा हंगामा देखने को मिला। मामला ऐसा था कि दूल्हा और उसके परिवार ने शादी से पहले भारी-भरकम मांग रख दी। उन्होंने ब्रेजा कार और 20 लाख रुपये की मांग की और कहा कि अगर यह न मिले तो सात फेरे नहीं होंगे। वधू पक्ष ने यह मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, जिससे बारात में तनाव बढ़ गया और मामला पुलिस तक पहुंच गया।
महंगे उपहार और भारी अपेक्षाएँ
शादी के दिन वधू पक्ष ने पूरी तैयारी के साथ बारात का स्वागत किया। लड़की पक्ष ने एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन के साथ 1 लाख 20 हजार रुपये नगद और पारंपरिक शगुन भी दिए। पहले ही चरण में दूल्हा और उसके परिवार ने 20 लाख रुपये नगद और कार की मांग कर दी। कई बार समझाने के बावजूद वे अपनी मांग पर अड़े रहे। इससे बारात का माहौल बिगड़ गया और कुछ ही देर में हंगामा खड़ा हो गया।
बारात में अफरा-तफरी और पुलिस कार्रवाई
हंगामे के बाद दूल्हा और उसके परिवार बारात लेकर लौटने की कोशिश करने लगे। स्थिति को देखते हुए कैंट पुलिस मौके पर पहुंची और दूल्हा ऋषभ, उसके पिता राम अवतार और जीजा को हिरासत में ले लिया। दुल्हन पक्ष की तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
शादी से पहले हुई सारी तैयारियाँ बेकार
इस शादी में लड़की पक्ष ने पहले ही बड़ी राशि खर्च की थी। सगाई समारोह में 3 लाख रुपये खर्च किए गए और दूल्हे को सोने की अंगूठी, चेन और 5 लाख नगद उपहार में दिए गए थे। शादी के दिन भी लगभग 15 लाख रुपये का खर्च और उपहार दिए गए। इसके बावजूद दूल्हा पक्ष की दहेज की मांग के कारण शादी अधूरी रह गई।
सामाजिक संदेश और दहेज प्रथा का खतरा
इस घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों की संवेदनशीलता को उजागर किया। दुल्हन ने भी स्पष्ट किया कि वह लालची और दहेज लोभी व्यक्ति के साथ जीवन नहीं बिताएगी। उसका कहना था कि अगर परिवार की इज्जत बचानी है तो ऐसी मांग करने वालों से दूरी बनाना ही बेहतर है।
बरेली की यह घटना दर्शाती है कि दहेज की लालसा कैसे एक खुशहाल अवसर को तनावपूर्ण और विवादास्पद बना सकती है। शादी की तैयारियों, महंगे उपहार और पारिवारिक उत्साह के बावजूद दहेज के कारण विवाह अधूरा रह गया। पुलिस की समय पर कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन यह घटना समाज में दहेज प्रथा के खतरे और इसके नकारात्मक प्रभाव की याद दिलाती है।
इस प्रकार बरेली की बारात ने हमें यह सिखाया कि विवाह केवल प्रेम और विश्वास का संबंध होना चाहिए, न कि लालच और धन का खेल। समाज में जागरूकता और कानून के प्रभाव से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।