814वें उर्स से पहले अजमेर दरगाह की तैयारियों की समीक्षा, ज़ियारिन सुरक्षा पर विशेष जोर
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814वें उर्स से पहले अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अजमेर में सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और ज़ियारिन सुविधाओं को लेकर व्यापक समीक्षा बैठक की।
दरगाह ख्वाजा साहब क्षेत्र में CCTV, स्वच्छता, पेयजल, पार्किंग और मुसाफिरखाना जैसी व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर भेजने की परंपरा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाती है।
New Delhi/ अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अजमेर में दरगाह ख्वाजा साहब के 814वें उर्स (17 दिसंबर 2025 से प्रारंभ) की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य उर्स के दौरान देश-विदेश से आने वाले ज़ियारिनों की सुरक्षा, संरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करना था। मंत्रालय ने सभी संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके।
बैठक में प्रमुख व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई, जिनमें संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त पेयजल और शौचालय, पार्किंग, स्वच्छता, भीड़ प्रबंधन और दरगाह ख्वाजा साहब (डीकेएस) क्षेत्र से आवारा पशुओं को हटाने की व्यवस्था शामिल रही। जिला प्रशासन ने बताया कि सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है और आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
परंपरा के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर दरगाह ख्वाजा साहब में चादर भेजेंगे, जो भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के प्रति सम्मान का प्रतीक है। मंत्रालय के अधिकारियों ने अजमेर के बाहरी क्षेत्र में लगभग 150 बीघा भूमि पर बनाए जा रहे मुसाफिरखाना विश्राम शिविर का भी निरीक्षण किया, जहां उर्स के दौरान ज़ियारिनों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
बैठक की अध्यक्षता मंत्रालय के निदेशक श्री एस.पी. सिंह तेवतिया ने की। मंत्रालय ने तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उर्स के दौरान किसी भी समस्या के त्वरित समाधान के लिए निरंतर निगरानी की जाएगी, ताकि ज़ियारिन सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में अपनी धार्मिक यात्रा पूरी कर सकें।