Bengal Election 2026: EVM जांच के लिए 5 नोडल अधिकारी नियुक्त | चुनाव आयोग की बड़ी तैयारी
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Bengal-Election-2026
EVM FLC के लिए 5 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति.
अन्य राज्यों के अधिकारी, पारदर्शिता पर जोर.
2026 चुनाव से पहले आयोग की सख्त तैयारी.
Kolkata / आगामी 2026 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। इसी कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की प्रथम स्तर जांच यानी फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) के लिए 5 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये सभी अधिकारी अन्य राज्यों से चुने गए हैं, ताकि जांच प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और किसी भी तरह के स्थानीय प्रभाव से मुक्त रह सके।
निर्वाचन आयोग की ओर से रविवार को जारी बयान में बताया गया कि इन नोडल अधिकारियों को राज्य के विभिन्न एफएलसी केंद्रों पर पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। इनका काम ईवीएम की तकनीकी जांच, सुरक्षा मानकों का पालन और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करना होगा। आयोग का मानना है कि बाहरी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती से चुनावी प्रक्रिया में जनता का भरोसा और मजबूत होगा।
नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों में शानिया कायेम मिज़े (उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी, अरुणाचल प्रदेश), योगेश गोसावी (उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी, महाराष्ट्र), पी के बोरो (अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मेघालय), एथेल रोथांगपुई (संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मिजोरम) और कनिष्क कुमार (निर्वाचन आयोग भारत के अवर सचिव) शामिल हैं। ये अधिकारी अलग-अलग एफएलसी स्थलों पर रहकर ईवीएम जांच से जुड़ी हर प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।
इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रक्रिया को और अधिक सरल व पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम भी पेश किए हैं। अब ईवीएम पर प्रत्येक उम्मीदवार की तस्वीर प्रदर्शित की जाएगी। इस फैसले का उद्देश्य मतदाताओं को उम्मीदवार की पहचान करने में आसानी देना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मतदाता साक्षरता कम है या एक जैसे नाम वाले उम्मीदवार चुनाव मैदान में होते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में होने की संभावना है। आयोग ने पहले से ही लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा और तकनीकी तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है। एक चुनाव आयोग अधिकारी के अनुसार, 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 80,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस बार जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या को देखते हुए नामांकन प्रक्रिया के बाद मतदान केंद्रों की संख्या में 10,000 से अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में कुल पोलिंग बूथों की संख्या करीब 95,000 तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
कुल मिलाकर, निर्वाचन आयोग की ये पहलें यह साफ संकेत देती हैं कि 2026 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और भरोसेमंद तरीके से कराने के लिए हर स्तर पर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।