नवोदय विद्यालय गौतम बुद्ध नगर में माइक्रोफ़ॉरेस्ट का उद्घाटन

Sun 14-Dec-2025,11:59 PM IST +05:30

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नवोदय विद्यालय गौतम बुद्ध नगर में माइक्रोफ़ॉरेस्ट का उद्घाटन Navodaya-Vidyalaya-Gautam-Buddha-Nagar-Micro-Forest
  • नवोदय विद्यालय में 500+ फलदायी वृक्ष और 350+ परागकण पौधे लगाए गए।

  • छात्रों में पर्यावरण जागरूकता और जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना विकसित की गई।

  • मिशन लाइफ एवं विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत शिक्षण और प्रकृति का सामंजस्य मजबूत किया गया।

Uttar Pradesh / Gautam Buddha Nagar :

Gautam Buddha Nagar / 14 दिसंबर 2025 को पीएम नवोदय विद्यालय, गौतम बुद्ध नगर में शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीएसईएल) के सचिव श्री संजय कुमार ने विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत विकसित माइक्रोफ़ॉरेस्ट का उद्घाटन किया। इस पहल ने 3,200 वर्ग मीटर से अधिक बंजर ज़मीन को फलोद्यान और परागण उद्यान युक्त जीवंत पारिस्थितिक शिक्षण स्थान में बदल दिया। उद्घाटन कार्यक्रम में एनवीएस के आयुक्त, संयुक्त सचिव, सरकारी अधिकारी, शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए।

श्री संजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य मानसिक रूप से स्वस्थ, खुश और सर्वांगीण विकास वाले व्यक्तियों का पोषण करना है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे शिक्षण को पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखें, बल्कि प्राकृतिक और वास्तविक जीवन के अनुभवों के माध्यम से बच्चों को सीखने का अवसर दें। इस पहल के माध्यम से विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों, स्वतंत्र सोच और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।

एनवीएस के आयुक्त श्री राजेश लखानी ने विद्यार्थियों से वृक्षों की देखभाल और संरक्षण की सामूहिक ज़िम्मेदारी लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फलदायी वृक्षों और परागण उद्यान की देखभाल से न केवल पर्यावरणीय स्थिरता बढ़ेगी बल्कि विद्यार्थियों का समग्र विकास भी सुनिश्चित होगा।

विशेष अभियान 5.0 के तहत डीएसईएल ने स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और ई-अपशिष्ट प्रबंधन पर भी ध्यान केंद्रित किया। देशभर में 6.16 लाख से अधिक स्वच्छता अभियान और ई-अपशिष्ट संग्रह अभियान चलाए गए। एनवीएस गौतम बुद्ध नगर के माइक्रोफ़ॉरेस्ट में 500 से अधिक फलदायी वृक्ष और 350 से अधिक परागकण-अनुकूल पौधे लगाए गए हैं, जो मधुमक्खियों, तितलियों और अन्य आवश्यक प्रजातियों के लिए पर्यावास उपलब्ध कराते हैं।

इस पहल से न केवल जैव विविधता बढ़ेगी बल्कि विद्यालय परिसर का वातावरण भी बेहतर होगा। गैर-लाभकारी संगठन से सहयोग के माध्यम से पूरे भारत में पांच मिलियन से अधिक पेड़ लगाए गए हैं और 50 से अधिक झीलों का कायाकल्प किया गया है। यह पहल एसडीजी 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) और एसडीजी 13 (जलवायु कार्रवाई) के उद्देश्यों के अनुरूप जलवायु और पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा देगी।

देशभर के स्कूलों में पर्यावरणीय जागरूकता, स्वच्छता और टिकाऊ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए यह मॉडल अन्य नवोदय विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालयों और स्कूलों में भी विस्तारित किया जाएगा, जिससे बच्चों में प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता विकसित होगी।