National Energy Conservation Day | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया, राष्ट्रीय पुरस्कार और चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया

Sun 14-Dec-2025,08:49 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

National Energy Conservation Day | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया, राष्ट्रीय पुरस्कार और चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया
  • ऊर्जा संरक्षण से पर्यावरण और आर्थिक बचत दोनों सुनिश्चित होती है।

  • नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास को अपनाने की आवश्यकता।

  • युवा और बच्चों की जागरूकता से ऊर्जा क्षेत्र में लक्ष्य हासिल होंगे।

Delhi / Delhi :

Delhi / भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (14 दिसंबर, 2025) राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा संरक्षण केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा बचाना केवल कम उपयोग करना नहीं है, बल्कि इसका बुद्धिमानी, जिम्मेदारी और कुशलता से उपयोग करना है।

राष्ट्रपति ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब हम बिजली के उपकरणों का अनावश्यक उपयोग रोकते हैं, ऊर्जा-कुशल उपकरण अपनाते हैं, प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन का प्रयोग करते हैं, या सौर व नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को अपनाते हैं, तो हम न केवल ऊर्जा बचाते हैं बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी कम करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छ हवा, सुरक्षित जल स्रोत और संतुलित इकोसिस्‍टम के लिए ऊर्जा संरक्षण आवश्यक है।

उन्होंने युवाओं और बच्चों की भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि यदि वे ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक हों और प्रयास करें, तो देश के सतत विकास के लक्ष्य आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा समुदायों को मजबूत बनाती है, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है और नए विकास अवसर प्रदान करती है।

राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन जैसी पहलों की सराहना की, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो रही है। उन्होंने बताया कि 2023-24 में भारत ने ऊर्जा दक्षता के प्रयासों से 53.60 मिलियन टन तेल के समतुल्य ऊर्जा बचाई और इससे प्रतिवर्ष आर्थिक बचत के साथ कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई।

राष्ट्रपति ने सभी क्षेत्रों और नागरिकों से भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता लाने के लिए व्यवहार में बदलाव और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले सभी हितधारकों की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि भारत सामूहिक जिम्मेदारी, साझेदारी और जनभागीदारी से हरित भविष्य की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाएगा।