मिजोरम को पहली बार रेल मार्ग से 119 कारों की आपूर्ति
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मिजोरम को पहली बार रेल मार्ग से 119 कारों की आपूर्ति मिली, जिससे सड़क परिवहन पर निर्भरता घटेगी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को मजबूती मिलेगी।
बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन ने दुर्गम पहाड़ी राज्य को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़कर लॉजिस्टिक्स और आर्थिक विकास को नई दिशा दी है।
नई रेल सेवाओं और माल ढुलाई से परिवहन लागत कम हुई है और शिक्षा, स्वास्थ्य व व्यापारिक केंद्रों तक पहुंच आसान बनी है।
सैरांग/ मिजोरम ,14 दिसंबर, 2025 मिजोरम के परिवहन और बुनियादी ढांचे के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है। राज्य को पहली बार रेल मार्ग के माध्यम से कारों की सीधी आपूर्ति मिली है। गुवाहाटी के पास चांगसारी से चलकर 119 मारुति कारों से भरा पहला ऑटोमोबाइल रैक सैरांग रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। यह उपलब्धि न केवल मिजोरम के ऑटोमोबाइल सेक्टर को मजबूती देगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक्स प्रणाली को भी नया आयाम प्रदान करेगी।
सड़क निर्भरता में कमी, समय और लागत दोनों में बचत
अब तक मिजोरम में कारों और भारी सामान की आपूर्ति मुख्य रूप से लंबे और कठिन सड़क मार्गों पर निर्भर थी, जिससे समय, लागत और जोखिम तीनों बढ़ जाते थे। रेल से सीधे कारों की डिलीवरी शुरू होने से आइजोल और आसपास के क्षेत्रों में गाड़ियों की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे ऑटोमोबाइल डीलर्स, सर्विस प्रोवाइडर्स और ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा।
बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन: इंजीनियरिंग की मिसाल
यह उपलब्धि 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन के कारण संभव हो सकी है। दुर्गम पहाड़ी भूभाग को काटकर बनाई गई यह लाइन 45 सुरंगों से होकर गुजरती है और पूर्वोत्तर भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण रेल प्रोजेक्ट्स में गिनी जाती है। यह लाइन मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में रणनीतिक भूमिका निभा रही है।
प्रधानमंत्री ने किया था ऐतिहासिक उद्घाटन
इस रेल लाइन का उद्घाटन 13 सितंबर 2025 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। उन्होंने इस अवसर पर
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सैरांग–आनंद विहार टर्मिनल राजधानी एक्सप्रेस,
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सैरांग–गुवाहाटी मिजोरम एक्सप्रेस,
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सैरांग–कोलकाता एक्सप्रेस
को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसके साथ ही मिजोरम का राष्ट्रीय रेल नेटवर्क में पूर्ण एकीकरण हो गया।
यात्री सेवाओं को मिला जबरदस्त समर्थन
नई रेल सेवाओं को यात्रियों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है। आंकड़ों के अनुसार,
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सैरांग–आनंद विहार राजधानी एक्सप्रेस 147%,
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सैरांग–गुवाहाटी मिजोरम एक्सप्रेस 115%,
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सैरांग–कोलकाता एक्सप्रेस 139%
की क्षमता के साथ संचालित हो रही हैं। ये ट्रेनें यात्रियों के लिए किफायती, सुरक्षित और समय बचाने वाली साबित हो रही हैं।
माल ढुलाई और पार्सल सेवाओं में तेजी
रेल लाइन के उद्घाटन के तुरंत बाद माल ढुलाई सेवाएं शुरू कर दी गई थीं। 14 सितंबर 2025 को असम से आइजोल तक 21 सीमेंट वैगन पहुंचाए गए। इसके बाद से सीमेंट, निर्माण सामग्री, वाहन, रेत और पत्थर जैसे आवश्यक सामानों का नियमित परिवहन हो रहा है।
इसके अलावा, 19 सितंबर 2025 को पहली पार्सल खेप के रूप में एंथुरियम फूलों को सैरांग से आनंद विहार टर्मिनल भेजा गया। 17 सितंबर से 12 दिसंबर 2025 के बीच इस मार्ग पर कुल 17 रेक संचालित किए गए हैं।
आर्थिक विकास को मिलेगी नई गति
रेल के जरिए कारों की आपूर्ति और माल ढुलाई से मिजोरम में परिवहन लागत कम, आपूर्ति श्रृंखला मजबूत और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। यह लाइन अब एक विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर के रूप में उभर रही है, जो राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक और बुनियादी ढांचे के विकास में अहम भूमिका निभाएगी। यह उपलब्धि भारतीय रेलवे की कनेक्टिविटी बढ़ाने और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।