PM MODI असम दौरा: गुवाहाटी एयरपोर्ट नया टर्मिनल उद्घाटन और उर्वरक परियोजना

Fri 19-Dec-2025,04:05 PM IST +05:30

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PM MODI असम दौरा: गुवाहाटी एयरपोर्ट नया टर्मिनल उद्घाटन और उर्वरक परियोजना
  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन असम की कनेक्टिविटी, पर्यटन और वैश्विक संपर्क को नई गति देगा।

  • प्रकृति-आधारित “बांस उद्यान” थीम वाला टर्मिनल पूर्वोत्तर की जैव विविधता, संस्कृति और सतत विकास का प्रतीक है।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20 और 21 दिसंबर, 2025 को असम की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा राज्य की कनेक्टिविटी, औद्योगिक विकास और किसान कल्याण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 20 दिसंबर को दोपहर लगभग 3 बजे प्रधानमंत्री गुवाहाटी पहुंचेंगे और लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नवनिर्मित एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन एवं निरीक्षण करेंगे। इस अवसर पर वे एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

करीब 1.4 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला यह नया टर्मिनल भवन प्रति वर्ष लगभग 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम है। रनवे, एप्रन, टैक्सीवे और एयरफील्ड सिस्टम के व्यापक उन्नयन के साथ यह परियोजना असम की हवाई कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह भारत का पहला प्रकृति-आधारित हवाई अड्डा टर्मिनल है, जिसका विषय “बांस के उद्यान” रखा गया है। इसमें पूर्वोत्तर से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का उपयोग किया गया है। टर्मिनल की संरचना काजीरंगा से प्रेरित हरित परिदृश्य, जापी आकृतियों, गैंडे के प्रतीक और कोपो फूल से सजे स्तंभों के माध्यम से असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है।

यात्रियों की सुविधा के लिए टर्मिनल में डिजियात्रा-सक्षम संपर्क रहित यात्रा, फुल-बॉडी स्कैनर, स्वचालित बैगेज हैंडलिंग, त्वरित आव्रजन प्रक्रिया और एआई-संचालित संचालन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

21 दिसंबर की सुबह प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप जाएंगे, जहां ब्रह्मपुत्र घाटी उर्वरक निगम लिमिटेड के परिसर में प्रस्तावित ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया परियोजना का भूमिपूजन करेंगे। लगभग 10,600 करोड़ रुपये के निवेश वाली यह परियोजना न केवल असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि आयात पर निर्भरता घटाने, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी गति देगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री के किसान कल्याण और आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूत आधार प्रदान करती है।