स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से औद्योगिक पार्क बने भारत की आर्थिक प्रगति का इंजन

Wed 24-Dec-2025,01:01 AM IST +05:30

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स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से औद्योगिक पार्क बने भारत की आर्थिक प्रगति का इंजन Smart-Infrastructure-Powers-India’s-Industrial-Parks
  • भारत में 4,500+ औद्योगिक पार्कों की डिजिटल मैपिंग ने निवेश, पारदर्शिता और औद्योगिक विकास को नई गति दी है।

  • प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क उद्योगों को तेज संचालन, कम लागत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का अवसर प्रदान कर रहे हैं।

  • IPRS 3.0 से सस्टेनेबिलिटी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटलाइजेशन पर आधारित औद्योगिक गुणवत्ता को बढ़ावा मिला है।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली | 23 दिसंबर 2025, भारत का औद्योगिक परिदृश्य एक निर्णायक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। बीते एक दशक में सरकार की नीतिगत स्पष्टता, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार ने औद्योगिक पार्कों को देश के आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन बना दिया है। आज औद्योगिक पार्क केवल फैक्ट्रियों के समूह नहीं रहे, बल्कि वे निवेश, रोजगार, नवाचार और सस्टेनेबिलिटी को एक साथ आगे बढ़ाने वाले संगठित इकोसिस्टम के रूप में उभर चुके हैं।

देशभर में औद्योगिक भूमि की पारदर्शी उपलब्धता, प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर, और रेटिंग आधारित गुणवत्ता मापदंडों ने भारत को वैश्विक निवेश मानचित्र पर और अधिक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। इसका सीधा असर विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स, निर्यात और क्षेत्रीय विकास पर देखा जा रहा है।

औद्योगिक पार्क: विकास और नवाचार का आधार

औद्योगिक पार्क ऐसे नियोजित क्षेत्र होते हैं, जहां उद्योगों को साझा सुविधाएं, बेहतर कनेक्टिविटी और सरल नियामक व्यवस्था मिलती है। इनका उद्देश्य उद्योगों को बिखरे ढांचे से निकालकर एक संगठित और प्रतिस्पर्धी वातावरण प्रदान करना है। यही कारण है कि आज औद्योगिक पार्क भारत की औद्योगिक नीति का केंद्रीय स्तंभ बन चुके हैं।

राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की साझेदारी से विकसित ये पार्क न केवल निवेश को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय रोजगार, कौशल विकास और क्षेत्रीय संतुलन को भी मजबूत कर रहे हैं। सरकार की भूमिका अब एक नियामक से अधिक एक फैसिलिटेटर की हो गई है, जिससे उद्योगों को तेज निर्णय और बेहतर सहयोग मिल रहा है।

इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक: पारदर्शिता की नई मिसाल

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा विकसित इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (IILB) देशभर की औद्योगिक भूमि का एक जीआईएस-सक्षम डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
23 दिसंबर 2025 तक:

4,523 औद्योगिक पार्क मैप किए जा चुके हैं

कुल क्षेत्रफल 7.70 लाख हेक्टेयर

लगभग 1.35 लाख हेक्टेयर भूमि नए निवेश के लिए उपलब्ध

6.45 लाख से अधिक भूखंड, जिनमें 1.25 लाख से अधिक खाली

यह प्लेटफॉर्म निवेशकों को दूर बैठे ही भूमि, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और नियामक जानकारी का मूल्यांकन करने में सक्षम बनाता है। इससे निवेश निर्णय तेज, पारदर्शी और जोखिम-रहित हो रहे हैं।

प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क: समय और लागत की बचत

केंद्रीय बजट 2025-26 में 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्कों के लिए किया गया। इन पार्कों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उद्योगों को पहले से तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है, जिससे संचालन तुरंत शुरू किया जा सकता है।

वर्तमान में:

306 प्लग-एंड-प्ले पार्क देश में उपलब्ध

20 औद्योगिक स्मार्ट शहर और पार्क एनआईसीडीसी के तहत विकसित हो रहे

4 परियोजनाएं पूरी, 4 निर्माणाधीन, शेष निविदा चरण में

यह मॉडल खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और ग्रीन इंडस्ट्रीज के लिए आकर्षक साबित हो रहा है।

औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (IPRS): गुणवत्ता का नया मानक

औद्योगिक पार्क रेटिंग प्रणाली (IPRS) निवेशकों को गुणवत्ता और प्रदर्शन के आधार पर पार्कों का मूल्यांकन करने में मदद करती है।
IPRS 2.0 के अनुसार:

41 पार्क ‘लीडर्स’ श्रेणी में

90 ‘चैलेंजर्स’

185 ‘एस्पायरर्स’

सितंबर 2025 में शुरू हुई IPRS 3.0 में सस्टेनेबिलिटी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटलाइजेशन, लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी और टेनेंट फीडबैक को विशेष महत्व दिया गया है। यह प्रणाली केवल रैंकिंग नहीं, बल्कि सुधार की रोडमैप भी प्रदान करती है।

पर्यावरणीय और सामाजिक संतुलन पर जोर

आधुनिक औद्योगिक पार्क आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।
इन पार्कों में:

वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण की नियमित निगरानी

जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन

ग्रीन बेल्ट और जैव विविधता संरक्षण

श्रमिकों के लिए आवास, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुविधाएं

जेंडर-सेंसिटिव और समावेशी कार्यस्थल

इससे औद्योगिक विकास को सस्टेनेबल ग्रोथ का मजबूत आधार मिल रहा है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और नीतिगत सुधार

भारत ने बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर सुधार लागू किए हैं:

BRAP (Business Reforms Action Plan)

GST से एकीकृत कर प्रणाली

स्टार्टअप इंडिया

ODOP (एक जिला, एक उत्पाद)

42,000+ अनुपालनों में कमी

3,700 से अधिक कानूनी प्रावधानों का अपराधमुक्तिकरण

इन सुधारों से औद्योगिक पार्क निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन गए हैं।

FDI के लिए औद्योगिक पार्क बने मजबूत इंजन

यूएनसीटीएडी की वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत ग्रीनफील्ड और प्रोजेक्ट फाइनेंस निवेश में शीर्ष 5 देशों में शामिल है।
अप्रैल–अगस्त 2025-26 में:

FDI प्रवाह: 43.76 बिलियन डॉलर

पिछले वर्ष की समान अवधि: 37.03 बिलियन डॉलर

औद्योगिक पार्कों ने इस वृद्धि में निर्णायक भूमिका निभाई है, जिससे रोजगार, निर्यात और तकनीकी हस्तांतरण को गति मिली है।

औद्योगिक पार्क भारत के विकसित औद्योगिक भविष्य की रीढ़ बन चुके हैं। योजनाबद्ध भूमि, साझा इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल प्लेटफॉर्म और गुणवत्ता-आधारित रेटिंग सिस्टम ने भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत स्थिति दिलाई है।
सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता और निजी क्षेत्र की भागीदारी से औद्योगिक पार्क आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक शक्ति के स्थायी इंजन के रूप में उभरेंगे।