AI शासन पर भारत की बड़ी पहल: OPSA की उच्चस्तरीय गोलमेज, जिम्मेदार और नवाचार-समर्थक मॉडल पर जोर

Mon 22-Dec-2025,06:34 PM IST +05:30

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AI शासन पर भारत की बड़ी पहल: OPSA की उच्चस्तरीय गोलमेज, जिम्मेदार और नवाचार-समर्थक मॉडल पर जोर
  • OPSA के नेतृत्व में तकनीकी-वैधानिक एआई शासन पर गोलमेज, दायित्वपूर्ण, पारदर्शी और नवाचार-समर्थक भारतीय एआई मॉडल पर व्यापक चर्चा।

  • डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा, सहमति तंत्र और डीईपीए अभिसरण को एआई नियमन के केंद्र में रखने पर विशेषज्ञों का जोर।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ भारत में दायित्वपूर्ण, पारदर्शी और नवाचार-समर्थक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शासन को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम पहल के तहत भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय (OPSA) ने 22 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन “दायित्वपूर्ण, नवाचार-संरेखित एआई शासन के लिए तकनीकी-वैधानिक विनियमन” विषय पर केंद्रित रहा और इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 से पूर्व आधिकारिक प्री-समिट बैठक के रूप में आयोजित हुआ।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद की अध्यक्षता में आयोजित इस गोलमेज में आई-SPIRT फाउंडेशन, सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल एआई, आईआईटी मद्रास, आईआईटी जोधपुर, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। चर्चा का मुख्य फोकस भारत के लिए ऐसा एआई शासन ढांचा विकसित करना रहा, जो तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दे, साथ ही डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करे।

प्रो. सूद ने कहा कि एआई प्रशासन में तकनीकी और वैधानिक सिद्धांतों का समन्वय आवश्यक है, ताकि जोखिमों को कम करते हुए समाज और अर्थव्यवस्था को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने एआई प्रणालियों में डेटा सुरक्षा, सहमति-आधारित ढांचे और जवाबदेही तंत्र को अंतर्निहित करने पर जोर दिया।

चर्चा में विशेषज्ञों ने डेटा गोपनीयता उल्लंघन, एआई-जनित सामग्री पर कॉपीराइट, गैर-निर्धारित एआई प्रणालियों के जोखिम, तथा डीईपीए ढांचे के साथ एआई शासन के अभिसरण जैसे मुद्दों पर विचार किया। साथ ही, अनुपालन-आधारित भारतीय एआई शासन मॉडल को वैश्विक स्तर पर अपनाने योग्य बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

सम्मेलन के निष्कर्ष इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 में योगदान देंगे। OPSA इस विषय पर एक व्याख्यात्मक श्वेत पत्र भी जारी करेगा, जिसमें गोलमेज बैठक से प्राप्त सुझाव और अनुशंसाएं शामिल होंगी। यह पहल भारत को वैश्विक एआई शासन में एक जिम्मेदार और विश्वसनीय नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।