कटनी में जिंदा किसान कागजों में मृत, MSP पर धान बेचने से वंचित
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समग्र आईडी में त्रुटि के कारण किसान रामभरण विश्वकर्मा 250 क्विंटल धान बेचने से वंचित रहा, जिससे आर्थिक संकट गहरा गया।
कटनी जिले में धान समर्थन मूल्य पंजीयन के दौरान किसान को मृत घोषित करने की गंभीर प्रशासनिक चूक ने सरकारी सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए।
Madhya Pradesh/ कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया के दौरान प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। रीठी तहसील के ग्राम गुरजीकला निवासी किसान रामभरण विश्वकर्मा को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया, जिससे वह कई दिनों से अपनी पहचान साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है।
किसान रामभरण विश्वकर्मा ने इस वर्ष लगभग 250 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन कराया था। प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब धान बिक्री की तारीख नजदीक आई, तब किसान को मोबाइल पर संदेश मिला कि उनकी समग्र आईडी मृत श्रेणी में दर्ज है। इस एक त्रुटि के कारण उनका पूरा पंजीयन निरस्त हो गया और वे फसल बेचने से वंचित रह गए।
लगभग दस दिनों तक लगातार विभागीय कार्यालयों में भटकने के बाद परेशान किसान कटनी कलेक्टर कार्यालय पहुँचा। कलेक्टर आशीष तिवारी के समक्ष किसान ने भावुक होकर अपनी पीड़ा साझा की। किसान ने कहा कि जब दस्तावेजों में मुझे मृत बताया जा रहा है, तो अब क्या मुझे खुद को जीवित साबित करने के लिए मरना पड़ेगा? किसान के इस कथन ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को भी असहज कर दिया।
इस मामले ने खाद्य विभाग, समग्र पोर्टल और पंजीयन प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर किया है। एक जीवित किसान को कागजों में मृत घोषित कर देना न केवल प्रशासनिक चूक है, बल्कि किसानों के प्रति सिस्टम की संवेदनहीनता को भी दर्शाता है। प्रशासन ने मामले की जांच कर रिकॉर्ड सुधारने और किसान को धान बेचने की अनुमति देने का आश्वासन दिया है।