पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी पर HLTF बैठक: माणिक साहा ने पेश किया समग्र रोडमैप

Tue 23-Dec-2025,11:46 AM IST +05:30

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पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी पर HLTF बैठक: माणिक साहा ने पेश किया समग्र रोडमैप
  • HLTF बैठक में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की रसद लागत कम करने और बहुआयामी कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए चरणबद्ध रोडमैप प्रस्तुत किया गया।

  • सड़क, रेल, जलमार्ग, ऊर्जा और डिजिटल अवसंरचना में अंतर-मंत्रालयी समन्वय को क्षेत्रीय विकास की कुंजी बताया गया।

Tripura / Gomati :

Tripura/ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने 22 दिसंबर 2025 को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अवसंरचना, रसद लागत और कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दों पर उच्च स्तरीय कार्य बल (एचएलटीएफ) की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक के दौरान क्षेत्रीय रसद और कनेक्टिविटी से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों की समीक्षा की गई। कार्यबल ने अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक अवसंरचना प्राथमिकताओं का आकलन करते हुए प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संस्थागत तंत्र और अंतर-मंत्रालयी समन्वय पर विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रसद, बहुआयामी कनेक्टिविटी, सीमा पार व्यापार गलियारों, डिजिटल और विद्युत अवसंरचना तथा संस्थागत एवं वित्तीय व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक चरणबद्ध और व्यापक रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को एक एकीकृत इकाई के रूप में देखने की आवश्यकता पर बल दिया और सड़क परिवहन, रेलवे, नागरिक उड्डयन, बंदरगाह, जलमार्ग, ऊर्जा, दूरसंचार और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे प्रमुख क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्रालयों के बीच समन्वय को अनिवार्य बताया। साथ ही, वन एवं पर्यावरण मंजूरियों से जुड़ी बाधाओं के सक्रिय समाधान पर भी जोर दिया।

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के तहत मिजोरम पड़ोसी देशों के लिए प्रवेश द्वार की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना सहित प्रमुख कनेक्टिविटी योजनाओं पर शीघ्र निर्णय की आवश्यकता जताई और सीमा व्यापार एवं रसद सहयोग को अहम बताया।

केंद्रीय डोनर मंत्री ने मुख्यमंत्री साहा द्वारा प्रस्तुत रोडमैप की सराहना करते हुए इसे उत्तर-पूर्व में कनेक्टिविटी और रसद सुधार की समग्र रणनीति बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि कार्यबल की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले संबंधित मंत्रालयों और नीति आयोग से परामर्श किया जाए, ताकि इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।