New Airlines India | इंडिगो संकट के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, तीन नई एयरलाइंस को उड़ान की मंजूरी

Thu 25-Dec-2025,11:07 PM IST +05:30

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New Airlines India | इंडिगो संकट के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, तीन नई एयरलाइंस को उड़ान की मंजूरी Indigo-Crisis_-New-Airlines-India,-Shankh-Air,-Alhind-Air,-FlyExpress
  • इंडिगो संकट के बीच तीन नई एयरलाइंस को NOC.

  • प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किराए और सेवाओं में सुधार की उम्मीद.

  • क्षेत्रीय और बजट यात्रियों को मिलेगा सीधा फायदा.

Delhi / Delhi :

Delhi / नागरिक उड्डयन क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों और हालिया इंडिगो संकट के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा और अहम कदम उठाया है। यात्रियों की परेशानियों, उड़ानों के रद्द होने और सीमित विकल्पों की स्थिति को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने तीन नई एयरलाइंस—शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस—को संचालन की मंजूरी (NOC) प्रदान कर दी है। यह फैसला देश के विमानन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, सेवाओं में सुधार और किरायों को संतुलित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

हाल के महीनों में इंडिगो एयरलाइंस को तकनीकी खामियों, विमानों की उपलब्धता और ऑपरेशनल दबावों का सामना करना पड़ा। दिसंबर के पहले दो हफ्तों में ही पांच हजार से अधिक फ्लाइट्स के रद्द होने की खबरें सामने आईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। कई प्रमुख रूट्स पर विकल्प सीमित हो गए और टिकटों के दाम भी प्रभावित हुए। इसी पृष्ठभूमि में सरकार ने नए खिलाड़ियों को मैदान में उतारने का फैसला लिया है।

मंजूरी पाने वाली पहली एयरलाइन शंख एयर है, जो एक फुल-सर्विस एयरलाइन के रूप में काम करेगी। इसका बेस नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रस्तावित है। कंपनी का लक्ष्य 20 से 25 विमानों का बेड़ा तैयार करने का है और वर्ष 2026 की पहली तिमाही से उड़ानें शुरू करने की योजना है। फुल-सर्विस मॉडल होने के कारण यात्रियों को बेहतर इन-फ्लाइट सुविधाएं, कनेक्टिविटी और सेवा गुणवत्ता मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

दूसरी एयरलाइन अल हिंद एयर है, जिसे अलहिंद ग्रुप का समर्थन प्राप्त है। यह एयरलाइन मुख्य रूप से रीजनल कनेक्टिविटी पर फोकस करेगी और इसके बेड़े में ATR 72-600 टर्बोप्रॉप विमान शामिल होंगे। अल हिंद एयर का संचालन दक्षिण भारत के क्षेत्रीय रूट्स पर केंद्रित रहेगा, जिससे छोटे शहरों और कस्बों को बड़े महानगरों से जोड़ने में मदद मिलेगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इसे औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसके परिचालन की तारीखें घोषित होने की संभावना है।

तीसरी एयरलाइन फ्लाईएक्सप्रेस है, जिसे इस सप्ताह NOC प्राप्त हुआ है। कंपनी ने संकेत दिए हैं कि वह जल्द ही अपने संचालन से जुड़ी विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करेगी। माना जा रहा है कि फ्लाईएक्सप्रेस कम लागत वाले मॉडल पर काम कर सकती है, जिससे बजट यात्रियों को राहत मिलेगी और प्रतिस्पर्धा का दायरा और बढ़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम इसलिए भी जरूरी था क्योंकि भारतीय विमानन बाजार में इंडिगो और एयर इंडिया समूह की हिस्सेदारी करीब 90 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। ऐसी स्थिति में विकल्प सीमित हो जाते हैं और किसी एक बड़ी एयरलाइन में संकट आने पर पूरा सिस्टम प्रभावित होता है। नई एयरलाइंस के आने से बाजार में संतुलन बनेगा और यात्रियों को बेहतर सेवा व प्रतिस्पर्धी किराए मिलने की संभावना बढ़ेगी।

इस फैसले से यात्रियों को कई तरह के फायदे मिलने की उम्मीद है। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उड़ानों के विकल्प बढ़ेंगे और किसी एक एयरलाइन पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा नई कंपनियों के आने से सेवा गुणवत्ता में सुधार, समय पालन और ग्राहक अनुभव पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किरायों में स्थिरता आने की भी संभावना है, जिससे आम यात्रियों को राहत मिलेगी।

कुल मिलाकर, तीन नई एयरलाइंस को मंजूरी देना केंद्र सरकार का दूरदर्शी कदम माना जा रहा है। यह न सिर्फ इंडिगो संकट के प्रभावों को कम करने में सहायक होगा, बल्कि भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र को अधिक मजबूत, प्रतिस्पर्धी और यात्रियों के अनुकूल बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।