10,000 FPO योजना से किसानों की सामूहिक शक्ति मजबूत, अनुदान, क्रेडिट गारंटी और ई-कॉमर्स लिंक से बाजार विस्तार

Sat 06-Dec-2025,12:05 PM IST +05:30

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10,000  FPO योजना से किसानों की सामूहिक शक्ति मजबूत, अनुदान, क्रेडिट गारंटी और ई-कॉमर्स लिंक से बाजार विस्तार
  • सरकार की एफपीओ योजना के तहत 10,000 संगठन पंजीकृत, अनुदान, ऋण गारंटी और प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों की सामूहिक आर्थिक क्षमता मजबूत की जा रही है।

  • 4,642 एफपीओ ई-नाम से जुड़े, 2,583 को क्रेडिट गारंटी और 1,590 को एआईएफ लाभ मिलने से बाजार पहुंच और पूंजी उपलब्धता बढ़ी है।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ केंद्र सरकार किसानों को सामूहिक रूप से मजबूत आर्थिक शक्ति बनाने के उद्देश्य से 10,000 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) योजना को तेज़ी से लागू कर रही है। अब तक 10,000 एफपीओ पंजीकृत किए जा चुके हैं और योजना के तहत प्रत्येक एफपीओ को तीन वर्षों के लिए 18 लाख रुपये तक की प्रबंधन लागत, 15 लाख रुपये तक का समान इक्विटी अनुदान और पात्र ऋण संस्थानों से 2 करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी प्रदान की जाती है। इसके साथ एफपीओ को प्रशिक्षण, बाजार लिंकेज और अन्य योजनाओं से जोड़ने में सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

किसानों के लिए इनपुट लाइसेंस (बीज, उर्वरक और कीटनाशक) तथा मंडी लाइसेंस प्राप्त करने में एफपीओ को सहयोग दिया जाता है ताकि बाजार पहुंच और बिक्री प्रक्रिया सुगम हो सके। एफपीओ के मूल्य श्रृंखला एकीकरण को मजबूत करने के लिए हर सप्ताह वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि क्रेडिट लिंकेज और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कारोबार विस्तार के लिए अतिरिक्त सहयोग दिया गया है।

31 अक्टूबर 2025 तक 4,642 एफपीओ राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ चुके हैं, पीएम-एफएमई योजना के तहत 236 एफपीओ को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्वीकृत हुई है, और 1,590 एफपीओ कृषि अवसंरचना फंड (एआईएफ) के लाभार्थी बन चुके हैं। साथ ही 2,583 एफपीओ ने क्रेडिट गारंटी फंड के तहत कोलैटरल-फ्री ऋण प्राप्त किया है।

एफपीओ को ओएनडीसी, ई-एनएएम, जीईएम और उद्योग मेलों/प्रदर्शनियों के माध्यम से बी2बी व्यापार लिंकेज प्रदान किए जा रहे हैं ताकि व्यापक भौगोलिक क्षेत्रों में पहुँच और बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। विभिन्न वेबिनार और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से एफपीओ की प्रबंधन एवं विपणन क्षमता बढ़ रही है, जिससे किसानों की सामूहिक आय और बाज़ार प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो रही है।