पुतिन डिनर विवाद: राहुल–खड़गे को न्योता नहीं, थरूर बुलाए गए; कांग्रेस नाराज़
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पुतिन डिनर में राहुल गांधी और खड़गे को न्योता न मिलने पर कांग्रेस ने सरकार पर प्रोटोकॉल तोड़ने और लोकतांत्रिक परंपराओं से भटकने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार विदेशी नेताओं को विपक्ष से मिलने नहीं देती, जिससे लोकतांत्रिक संवाद और राजनीतिक पारदर्शिता कमजोर होती है।
शशि थरूर को निमंत्रण मिलने से सियासी हलकों में चर्चाएं तेज, जबकि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की अनुपस्थिति विवाद को और गहरा कर रही है।
नई दिल्ली/ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय भोज पर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस डिनर में निमंत्रण नहीं दिया गया, जबकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर को बुलाया गया है। कांग्रेस ने इसे प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन बताते हुए सरकार पर लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार रोजाना प्रोटोकॉल तोड़ती है और यह घटना लोकतांत्रिक मूल्यों में उसकी आस्था पर सवाल खड़ा करती है। वहीं राहुल गांधी ने एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार विदेशी दिग्निटरीज की विपक्ष से मुलाकात रोकती है और उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष से मिलने से मना करती है। राहुल ने कहा कि विपक्ष भी देश का प्रतिनिधित्व करता है और विदेशी नेताओं से मिलकर अपनी दृष्टि साझा करना उसका अधिकार है।
शशि थरूर को न्योता दिए जाने पर राजनीतिक चर्चा और तेज हो गई है। थरूर विदेश नीति पर अपनी पकड़ और वैश्विक पहचान के चलते अलग पहचान रखते हैं, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं को डिनर में न बुलाना कांग्रेस के भीतर असंतोष को और बढ़ा रहा है।
सरकारी पक्ष से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मेहमानों की सूची पूरी तरह प्रोटोकॉल और आयोजन समिति की प्राथमिकताओं के आधार पर बनाई गई थी।
पुतिन का यह दौरा भारत–रूस रणनीतिक संबंधों को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है, लेकिन डिनर लिस्ट पर मचा राजनीतिक घमासान घरेलू राजनीति में नई तकरार जोड़ रहा है।