15वें वित्त आयोग के तहत केरल की पंचायतों को ₹260.20 करोड़ की अनुदान राशि जारी
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15वें वित्त आयोग के तहत केरल की 9,414 ग्राम पंचायतों सहित सभी ग्रामीण निकायों को 260.20 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी।
अविनिर्दिष्ट अनुदान से पंचायतें स्थानीय जरूरतों के अनुसार 29 विषयों पर विकास कार्य कर सकेंगी।
स्वच्छता, पेयजल और कचरा प्रबंधन जैसे बुनियादी सेवाओं को सशक्त बनाने पर केंद्र सरकार का विशेष फोकस।
Delhi/ केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत केरल के ग्रामीण स्थानीय निकायों को 260.20 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की है। यह राशि अविनिर्दिष्ट अनुदानों की पहली किस्त के रूप में प्रदान की गई है, जिससे राज्य के ग्रामीण विकास प्रयासों को महत्वपूर्ण मजबूती मिलेगी। इस अनुदान का लाभ केरल की सभी 14 जिला पंचायतों, 152 ब्लॉक पंचायतों और 9,414 ग्राम पंचायतों को मिलेगा।
15वें वित्त आयोग के अंतर्गत ग्रामीण स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को दिए जाने वाले अनुदानों की सिफारिश पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) द्वारा की जाती है। इसके बाद वित्त मंत्रालय इन्हें प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी करता है। अविनिर्दिष्ट अनुदानों का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों से संबंधित स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, हालांकि इनका उपयोग वेतन या अन्य स्थापना व्यय में नहीं किया जा सकता।
इसके अतिरिक्त, विनिर्दिष्ट अनुदान बुनियादी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए निर्धारित होते हैं। इनमें स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति का रखरखाव, घरेलू कचरे और मानव अपशिष्ट प्रबंधन, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। यह अनुदान केरल के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।