विशाखापत्तनम में पेसा महोत्सव 2025: जनजातीय संस्कृति और जमीनी लोकतंत्र का उत्सव
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
पेसा महोत्सव 2025 विशाखापत्तनम में जनजातीय संस्कृति, ग्राम सभा सशक्तिकरण और अनुसूचित क्षेत्रों में लोकतांत्रिक भागीदारी को राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा।
पेसा दिवस पर पोर्टल, संकेतक और जनजातीय भाषाओं में प्रशिक्षण मॉड्यूल लॉन्च होकर पेसा के प्रभावी कार्यान्वयन को गति देंगे।
आंध्र प्रदेश/ पंचायती राज मंत्रालय द्वारा पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 यानी पेसा के लागू होने की वर्षगांठ के अवसर पर लोक संस्कृति और लोकतांत्रिक भागीदारी के उत्सव के रूप में दो दिवसीय ‘पेसा महोत्सव’ का आयोजन 23 और 24 दिसंबर, 2025 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में किया जा रहा है। इस अवसर पर 24 दिसंबर को ‘पेसा दिवस’ भी मनाया जाएगा, जो अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन और ग्राम सभा की भूमिका को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
महोत्सव का उद्घाटन आंध्र प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री श्री कोनिदाला पवन कल्याण करेंगे। कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्रालय के केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज सहित केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी सहभागिता करेंगे। आयोजन में देश के सभी 10 पेसा राज्यों से पंचायत प्रतिनिधि, खिलाड़ी और सांस्कृतिक कलाकारों सहित लगभग 2,000 प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।
पेसा महोत्सव का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की निर्णायक भूमिका को रेखांकित करना, जनजातीय समुदायों की परंपराओं का सम्मान करना और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ समावेशी विकास को आगे बढ़ाना है। इस अवसर पर 24 दिसंबर, 2025 को पेसा से जुड़ी कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहलों का शुभारंभ किया जाएगा। इनमें सूचना के प्रभावी प्रसार और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए पेसा पोर्टल, राज्यों में प्रगति का आकलन करने हेतु पेसा संकेतक, जनजातीय भाषाओं में तैयार प्रशिक्षण मॉड्यूल, तथा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की पारंपरिक संस्कृति और ज्ञान पर आधारित एक ई-पुस्तक शामिल है।
महोत्सव के तहत आंध्र प्रदेश की पेसा ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा, जिनमें भाग लेने वाले राज्यों के निर्वाचित प्रतिनिधि दस चिन्हित पेसा विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। इसके साथ ही 24 दिसंबर को सभी दस पेसा राज्यों में भी विशेष ग्राम सभाएं आयोजित होंगी। इन बैठकों का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करना, पारंपरिक रीति-रिवाजों की रक्षा करना, आजीविका के अवसरों का विस्तार करना और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।
पेसा महोत्सव के दौरान खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों की एक समृद्ध श्रृंखला प्रस्तुत की जाएगी, जो भारत की जनजातीय विरासत की विविधता और जीवंतता को दर्शाएगी। कार्यक्रम का मुख्य स्थल विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी परिसर होगा, जबकि अन्य गतिविधियां रामकृष्ण बीच, इंडोर स्टेडियम, क्रिकेट स्टेडियम और कलावाणी सभागार जैसे प्रमुख स्थलों पर आयोजित की जाएंगी।
गौरतलब है कि पेसा अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 243एम(4)(बी) के तहत संसद द्वारा अधिनियमित किया गया, ताकि संविधान के भाग-IX के प्रावधानों को कुछ अपवादों और संशोधनों के साथ पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों तक विस्तारित किया जा सके। वर्तमान में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना में पेसा लागू है। पेसा महोत्सव 2025 इन क्षेत्रों में लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।