Maharashtra Municipal Elections | महायुति का दबदबा, बड़ी जीत के बीच नांदेड़ से आया ऐसा नतीजा जिसने सबको चौंका दिया

Mon 22-Dec-2025,01:41 AM IST +05:30

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Maharashtra Municipal Elections | महायुति का दबदबा, बड़ी जीत के बीच नांदेड़ से आया ऐसा नतीजा जिसने सबको चौंका दिया Maharashtra-Municipal-Elections-2025-Result
  • 288 में से 215 निकायों पर महायुति का कब्जा.

  • बीजेपी के 129 नगराध्यक्ष, विपक्ष MVA को झटका.

  • नांदेड़ लोहा में परिवारवाद दांव फेल.

Maharashtra / Mumbai :

Mumbai / महाराष्ट्र में हुए 288 नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में महायुति गठबंधन को निर्विवाद ताकत के रूप में स्थापित कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के महायुति गठबंधन ने कुल 288 निकायों में से 215 पर जीत दर्ज कर विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। इनमें अकेले भाजपा ने 129 नगर परिषदों और नगर पंचायतों पर कब्जा किया, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) को 51 और एनसीपी (अजित पवार गुट) को 35 निकायों में सफलता मिली। इसके उलट महा विकास अघाड़ी सिर्फ 51 निकायों तक ही सिमट गई, जहां कांग्रेस ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन करते हुए 35 निकाय जीते, जबकि उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना को 9 और शरद पवार गुट की एनसीपी को केवल 7 निकायों पर संतोष करना पड़ा।

क्षेत्रवार नतीजों पर नजर डालें तो विदर्भ की 100 नगर परिषदों में भाजपा ने 58 पर जीत हासिल की, कांग्रेस 23 पर सिमटी, जबकि शिवसेना, एनसीपी और अन्य दलों को सीमित सफलता मिली। मराठवाड़ा की 52 निकायों में भी भाजपा ने 25 पर कब्जा जमाया। उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिम महाराष्ट्र और कोकण में भी महायुति का दबदबा साफ नजर आया। कुल मिलाकर पूरे महाराष्ट्र में नगराध्यक्ष और सदस्यों के आंकड़ों में भी महायुति का पलड़ा भारी रहा। भाजपा के 129 नगराध्यक्ष और 3325 सदस्य चुने गए, शिवसेना के 51 नगराध्यक्ष और 695 सदस्य बने, जबकि एनसीपी के खाते में 35 नगराध्यक्ष और 311 सदस्य आए। विपक्षी दल इन आंकड़ों के सामने काफी कमजोर दिखे।

हालांकि इस बड़ी जीत के बीच नांदेड़ जिले की लोहा नगर परिषद का परिणाम भाजपा के लिए एक अहम सबक बनकर सामने आया। यहां भाजपा ने एक ही परिवार के छह सदस्यों को टिकट देकर परिवारवाद के आरोपों के बावजूद बड़ा दांव खेला था, लेकिन मतदाताओं ने इस प्रयोग को पूरी तरह नकार दिया। नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार गजानन सूर्यवंशी समेत उनकी पत्नी, भाई, भाभी, साले और रिश्तेदार सभी चुनाव हार गए। इसका सीधा फायदा अजित पवार गुट की एनसीपी को मिला, जिसने विधायक प्रतापराव पाटिल चिखलीकर के नेतृत्व में नगराध्यक्ष पद सहित 17 सीटों पर कब्जा जमाया। शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस को यहां सिर्फ एक-एक सीट मिली। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह परिणाम भाजपा के लिए चेतावनी है कि स्थानीय राजनीति में परिवारवाद जैसे प्रयोग उलटे पड़ सकते हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति की भारी जीत पर कहा कि 129 शहरों में भाजपा के नगराध्यक्ष चुने गए हैं और कुल मिलाकर 75 प्रतिशत नगराध्यक्ष महायुति के हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सकारात्मक नेतृत्व और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के भरोसे का परिणाम बताया। फडणवीस ने कहा कि इस चुनाव में उन्होंने नकारात्मक राजनीति से दूर रहकर पूरी तरह सकारात्मक प्रचार किया, योजनाओं और विकास के मुद्दों पर बात की, जिसका सीधा लाभ मिला।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने भी राज्य कार्यालय में आयोजित विजय उत्सव में जनता का आभार जताया। ढोल-नगाड़ों, फूलों और मिठाइयों के साथ जीत का जश्न मनाया गया। चव्हाण ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और मुख्यमंत्री फडणवीस के विकास कार्यों पर जनता के भरोसे का प्रमाण है। कुल मिलाकर ये नतीजे न सिर्फ स्थानीय निकायों में महायुति की मजबूत पकड़ दिखाते हैं, बल्कि आने वाले महानगरपालिका, विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए भी बड़े संकेत माने जा रहे हैं।