छत्तीसगढ़ में ठंड और कोहरे की चेतावनी, बच्चों और स्वास्थ्य पर गंभीर असर
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छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों में घने कोहरे और दुर्ग जिले में शीतलहर का अलर्ट, विजिबिलिटी कम, यात्रा में सतर्कता जरूरी।
बच्चों में हाइपोथर्मिया बढ़ा, कई मामलों में NICU और SNCU में भर्ती, ठंड से स्वास्थ्य पर गंभीर असर।
Raipur/ छत्तीसगढ़ में ठंड का प्रकोप अब और तेज हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। खासकर सरगुजा और बिलासपुर संभाग में विजिबिलिटी बेहद कम रहने की संभावना है। वहीं दुर्ग जिले के कुछ इलाकों में शीतलहर का अलर्ट भी जारी किया गया है।
पिछले 24 घंटों में अंबिकापुर प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि राजनांदगांव सबसे गर्म शहर रहा, जहां अधिकतम तापमान 28 डिग्री तक पहुंचा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों तक सरगुजा और बिलासपुर संभाग के कई क्षेत्रों में घना कोहरा छाया रहेगा। उत्तरी छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान 1–2 डिग्री बढ़ सकता है, इसके बाद फिर गिरावट की संभावना है।
मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में तापमान अगले तीन दिनों तक स्थिर रहेगा। रायपुर में 23 दिसंबर की सुबह धुंध रहने की संभावना है। पेंड्रा और मैनपाट में ओस जमकर बर्फ में बदल गई है।
बच्चों पर ठंड का प्रभाव
कड़ाके की ठंड बच्चों की सेहत पर भी असर डाल रही है। बीते एक महीने में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आए। नवजात शिशुओं में ठंड सहन करने की क्षमता कम होने के कारण खतरा ज्यादा है। कई बच्चों को NICU और SNCU में भर्ती करना पड़ा।
अस्पतालों में ओपीडी भीड़
ठंड के बढ़ते असर से अस्पतालों की ओपीडी में वायरल फीवर, सर्दी-खांसी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में मेडिसिन, पीडियाट्रिक और चेस्ट विभाग में 600 से ज्यादा मरीज रोजाना आ रहे हैं।
रायपुर में अलाव व्यवस्था
रायपुर नगर निगम ने शहर के 12 से अधिक स्थानों पर रातभर अलाव जलाने की व्यवस्था की है। मेयर मीनल चौबे और कमिश्नर विश्वदीप ने निर्देश दिए हैं कि जोन कमिश्नर और हेल्थ अधिकारी रात में फील्ड में रहें।
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि ठंड और अचानक तापमान गिरने से हाइपोथर्मिया, सर्दी-जुकाम और वायरल फीवर का खतरा बढ़ सकता है। ठंड में गर्म कपड़े पहनने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
मलेरिया का खतरा
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिन में अधिक तापमान और रात में तेज गिरावट मच्छरों के लिए अनुकूल है। ग्रामीण और जंगल क्षेत्रों में अगले आठ दिनों तक मलेरिया का खतरा अधिक बताया गया है।