छत्तीसगढ़ में 1.65 करोड़ सिकल सेल जांच पूरी, उन्मूलन मिशन को मिली बड़ी सफलता
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छत्तीसगढ़ में 1.65 करोड़ सिकल सेल जांच पूरी, 27 हजार से अधिक रोगियों की पहचान कर मुफ्त उपचार और निरंतर निगरानी सुनिश्चित।
सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत हाइड्रोक्सीयूरिया की खपत पांच गुना बढ़ी, बेहतर पहुंच और उपचार व्यवस्था मजबूत।
Raipur/ छत्तीसगढ़ में सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम और उपचार की दिशा में बड़े पैमाने पर प्रगति दर्ज की गई है। केंद्र सरकार के पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक लगभग 1.65 करोड़ लोगों की सिकल सेल जांच की जा चुकी है। इनमें से 3.35 लाख से अधिक लोगों में सिकल सेल वाहक (ट्रेट) की पुष्टि हुई है, जबकि 27,135 व्यक्तियों में सिकल सेल रोग का निदान किया गया है।
रविवार को अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी चिन्हित मरीजों को मुफ्त दवाएं, परामर्श और निरंतर उपचार की सुविधा दी जा रही है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2023 को शुरू किए गए ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2047 तक सिकल सेल को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त करना है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में नवजात से लेकर 40 वर्ष आयु वर्ग तक के नागरिकों की व्यापक जांच की जा रही है और सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। बीते दो वर्षों में सरकारी अस्पतालों में सिकल सेल के इलाज में प्रयुक्त दवा हाइड्रोक्सीयूरिया की खपत एक लाख कैप्सूल से बढ़कर पांच लाख कैप्सूल हो गई है, जो बेहतर पहुंच और नियमित उपचार को दर्शाता है।
पिछले एक वर्ष में 5,232 सिकल सेल रोगियों की सक्रिय निगरानी की गई, जिससे सिकल सेल संकट और रक्त आधान की आवश्यकता में कमी आई है। सभी रोगियों को हर तीन महीने में मुफ्त रक्त, यकृत और गुर्दा जांच की सुविधा दी जा रही है।
विशेष उपलब्धि के रूप में जशपुर जिला देश का पहला जिला बन गया है, जहां लक्षित आबादी की 100 प्रतिशत सिकल सेल जांच पूरी हो चुकी है। वहीं, रायपुर में स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में सिकल सेल रोग निवारण केंद्र विकसित किया जा रहा है, जहां भविष्य में बोन मैरो ट्रांसप्लांट और आनुवंशिक जांच जैसी उन्नत सेवाएं उपलब्ध होंगी।