डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने अपने निवास पर आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा के बाद यह महसूस किया गया कि वर्तमान परिस्थितियों में इसमें बदलाव जरूरी है। शर्मा ने स्पष्ट किया कि पुलिस बल को अनावश्यक औपचारिकताओं में उलझाने के बजाय उसकी ऊर्जा और समय का इस्तेमाल कानून व्यवस्था, सुरक्षा और जनसेवा जैसे मूल दायित्वों में किया जाना चाहिए। इसी सोच के तहत यह संशोधन किया गया है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं विभागीय अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर की व्यवस्था की समीक्षा कर आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के अनुपालन में गृह विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब राज्य के भीतर सामान्य आगमन-प्रस्थान, दौरे, निरीक्षण और भ्रमण के दौरान गृहमंत्री, अन्य सभी मंत्री, पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सलामी गार्ड नहीं दिया जाएगा। जिला स्तर पर होने वाले निरीक्षण और दौरों में पहले से चली आ रही यह परंपरा अब पूरी तरह समाप्त कर दी गई है।
सरकार का मानना है कि इस फैसले से पुलिस बल का समय और संसाधनों की बचत होगी, जिसका सीधा लाभ कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और जनता की सेवा में देखने को मिलेगा। लंबे समय से यह महसूस किया जा रहा था कि वीआईपी प्रोटोकॉल और औपचारिकताओं के कारण पुलिस का बड़ा हिस्सा अपनी मूल जिम्मेदारियों से भटक जाता है। इस बदलाव से पुलिस को ज्यादा व्यावहारिक, सक्रिय और जनोन्मुखी बनाया जा सकेगा।
हालांकि, यह प्रतिबंध सभी अवसरों पर लागू नहीं होगा। आदेश में साफ किया गया है कि राष्ट्रीय और राजकीय समारोहों में सलामी गार्ड की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शहीद पुलिस स्मृति दिवस, राष्ट्रीय एकता दिवस, राजकीय समारोह और पुलिस दीक्षांत परेड जैसे विशेष अवसरों पर औपचारिक सलामी गार्ड दी जाती रहेगी। इसके अलावा, प्रोटोकॉल के तहत संवैधानिक पदों पर आसीन महानुभावों और विशिष्ट अतिथियों के लिए भी गार्ड ऑफ ऑनर की व्यवस्था यथावत रहेगी।
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के मंत्रियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सामान्य दौरों के दौरान भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता था। अब इस व्यवस्था को खत्म कर सरकार ने यह संदेश दिया है कि प्रशासन का फोकस दिखावे पर नहीं, बल्कि काम और जनसेवा पर होना चाहिए। यह फैसला न सिर्फ प्रशासनिक सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि एक आधुनिक और जनोन्मुखी शासन व्यवस्था की ओर बढ़ता हुआ मजबूत कदम भी माना जा रहा है।