भारत की नदियाँ: गंगा से कावेरी तक छिपे रहस्य और जीवन की यात्रा

Wed 31-Dec-2025,12:26 AM IST +05:30

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  • भारत की प्रमुख नदियों की जानकारी और महत्व.

  • धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से नदियाँ.

  • गंगा, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, सिंधु और कावेरी.

Maharashtra / Nagpur :

AGCNN / भारत की नदियाँ केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति और आस्था की जीवनधारा रही हैं। इनके बिना भारत की कहानी अधूरी सी लगती है। चलिए, हम एक छोटी यात्रा पर निकलते हैं, भारत की प्रमुख नदी प्रणालियों की ओर।

उत्तर भारत की शान, गंगा नदी तंत्र, हिमालय की गोद से निकलकर समृद्ध मैदानों को सींचती है। गंगोत्री की बर्फीली चोटियों से जन्मी यह नदी न केवल किसानों की धरोहर है, बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक भी है। इसके तट पर बसे शहरों में पूजा, तीज-त्योहार और जीवन का हर उत्सव गंगा की छाया में संपन्न होता है।

पश्चिम की ओर बहती नर्मदा नदी की यात्रा थोड़ी अलग है। छत्तीसगढ़ की पहाड़ियों और मध्य प्रदेश की घाटियों से गुजरते हुए नर्मदा अपने किनारे वाले गांवों और कस्बों को जीवनदान देती है। चारों ओर चंन घाटी की घाटियाँ और नर्मदा का शांत प्रवाह इसे एक अलग ही शांति और भक्ति का अनुभव कराते हैं।

पूर्वोत्तर में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र का उद्गम तिब्बत में होता है। सांमधी से निकलकर यह असम की जीवन रेखा बन जाती है। असम के हरियाली भरे मैदान, चाय के बागान और स्थानीय संस्कृति में ब्रह्मपुत्र का योगदान अनमोल है।

दक्षिण भारत की ओर बढ़ें, तो गोदावरी नदी अपनी विशालता और लंबाई में अद्वितीय है। इसे प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी माना जाता है। यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के खेतों को हरा-भरा करती है और कई धार्मिक स्थलों का केंद्र भी है।

सिंधु नदी तंत्र, हिमालय से निकलकर अरब सागर तक बहता है। यह सिंधु सभ्यता का आधार रही है और आज भी पश्चिमी भारत के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

और अंत में, कावेरी नदी, दक्षिण भारत की पवित्र नदी, जिसे विनासमुद्रा कहा जाता है। कर्नाटक और तमिलनाडु की जीवनरेखा बनकर यह नदी वहां की संस्कृति, कृषि और आस्था से जुड़ी है।

भारत की ये नदियाँ केवल पानी की धाराएँ नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, आस्था और जीवन का प्रतीक हैं। इनके बिना हमारी भूमि, हमारी कहानी अधूरी रहती।