IP&TAFS का 51वाँ स्थापना दिवस: संचार वित्त समिट 2025 में डिजिटल शासन पर मंथन

Mon 22-Dec-2025,03:33 PM IST +05:30

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IP&TAFS का 51वाँ स्थापना दिवस: संचार वित्त समिट 2025 में डिजिटल शासन पर मंथन
  • IP&TAFS के 51वें स्थापना दिवस पर संचार वित्त समिट 2025 में दूरसंचार व डाक क्षेत्रों के वित्तीय सुधारों और डिजिटल रणनीतियों पर मंथन।

  • CGCA वंदना गुप्ता ने राजस्व आश्वासन, स्पेक्ट्रम शुल्क और पेंशन प्रबंधन में IP&TAFS की विस्तारित भूमिका को रेखांकित किया।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा (IP&TAFS) ने अपना 51वाँ स्थापना दिवस “संचार वित्त लेखा दिवस” के रूप में मनाया। इस अवसर पर कम्युनिकेशन फाइनेंस समिट 2025 का आयोजन किया गया, जिसमें दूरसंचार और डाक क्षेत्रों में सार्वजनिक वित्तीय शासन, डिजिटल सुधारों और भविष्य की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कंट्रोलर जनरल ऑफ कम्युनिकेशन अकाउंट्स (CGCA) सुश्री वंदना गुप्ता ने IP&TAFS की 51 वर्षों की संस्थागत यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि आर्थिक सुधार, उदारीकरण और तीव्र तकनीकी प्रगति ने दूरसंचार विभाग (DoT) और डाक विभाग (DoP) की भूमिकाओं को नए सिरे से परिभाषित किया है। IP&TAFS ने राजस्व आश्वासन, लाइसेंस शुल्क व स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के आकलन, दूरसंचार ऑपरेटरों की वित्तीय निगरानी, आंतरिक लेखा परीक्षा, पेंशन प्रबंधन और नीति-आधारित वित्तीय परामर्श में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है।

उन्होंने यह भी कहा कि सेवा की प्रतिबद्धता और व्यावसायिक दक्षता के कारण DoT और DoP प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) की शिकायत निवारण रैंकिंग में लगातार अग्रणी रहे हैं। क्षमता निर्माण पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि नेशनल कम्युनिकेशन अकादमी-फाइनेंस (NCA-Finance) को सरवोत्तम-क्षमता निर्माण आयोग द्वारा उच्चतम रेटिंग प्राप्त हुई है। LBSNAA के सहयोग से 15 अखिल भारतीय व केंद्रीय सेवाओं के 176 अधिकारियों के लिए विशेष आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन इसकी बड़ी उपलब्धि रहा।

सलाहकार (वित्त) सुश्री दर्शन एम. डाबराल ने सेवा की विकास यात्रा पर आत्ममंथन की आवश्यकता बताते हुए कहा कि IP&TAFS ने 1990 के उदारीकरण काल और 2020 के डिजिटल परिवर्तन दौर में खुद को एक रणनीतिक वित्तीय साझेदार के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने SAMPANN, IT 2.0 और SARAS जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भविष्य की शासन व्यवस्था के लिए अहम बताया।

वरिष्ठ उप महानिदेशक श्री राजीव कुमार और अपर नियंत्रक महालेखाकार सुश्री आस्था सक्सेना ने भी संचार वित्त के महत्व, PFMS के माध्यम से सहयोग और भविष्य में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में IP&TAFS की केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुभव, पेंशन सुधार, डिजिटल भारत निधि, इनोवेशन सेल और परफॉर्मेंस ऑडिट जैसे विषयों ने समावेशी विकास की दिशा को मजबूत किया।