GDP, CPI, IIP आधार वर्ष संशोधन पर 23 दिसंबर को जारी-पूर्व कार्यशाला

Mon 22-Dec-2025,04:45 PM IST +05:30

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GDP, CPI, IIP आधार वर्ष संशोधन पर 23 दिसंबर को जारी-पूर्व कार्यशाला
  • GDP, CPI और IIP के आधार वर्ष संशोधन पर 23 दिसंबर को भारत मंडपम में दूसरी जारी-पूर्व परामर्श कार्यशाला आयोजित।

  • कार्यशाला में अर्थशास्त्री, बैंकिंग विशेषज्ञ, आंकड़ा उपयोगकर्ता और केंद्र-राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।

  • संशोधित सांख्यिकीय श्रृंखलाओं से पहले पारदर्शिता, संवाद और व्यापक परामर्श को मजबूत करने पर मंत्रालय का जोर।

Delhi / New Delhi :

New Delhi/ सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) 23 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में सकल घरेलू उत्पाद (GDP), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आधार वर्ष संशोधन को लेकर दूसरी जारी-पूर्व परामर्श कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है। इससे पहले इस श्रृंखला की पहली कार्यशाला 26 नवंबर 2026 को मुंबई में आयोजित की गई थी।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य GDP, CPI और IIP के आधार वर्ष के वर्तमान संशोधन में प्रस्तावित कार्यप्रणालीगत और संरचनात्मक बदलावों को हितधारकों के साथ साझा करना और उनसे सुझाव व प्रतिक्रियाएं प्राप्त करना है। मंत्रालय का मानना है कि आंकड़ों के उपयोगकर्ताओं के साथ पूर्व-परामर्श से संशोधित सांख्यिकीय श्रृंखलाओं की स्वीकार्यता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।

कार्यशाला में प्रख्यात अर्थशास्त्री, वित्तीय संस्थानों व बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ, विषय-विशेषज्ञ, प्रमुख सांख्यिकीय आंकड़ों के उपयोगकर्ता, साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। प्रतिभागियों की यह विविधता तकनीकी विमर्श को अधिक समृद्ध और व्यावहारिक बनाने में सहायक होगी।

उद्घाटन सत्र में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन के. बेरी मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग और महानिदेशक (केंद्रीय सांख्यिकी) श्री एन.के. संतोषी भी उपस्थित रहेंगे।

उद्घाटन के बाद GDP, CPI और IIP से जुड़े तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें खुला संवाद भी होगा। साथ ही आधार वर्ष संशोधन में प्रस्तावित बदलावों पर आधारित संक्षिप्त अवधारणा-पुस्तिका प्रतिभागियों को उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्रालय के अनुसार, यह कार्यशाला संशोधित श्रृंखलाओं के जारी होने से पहले पारदर्शिता, सूचित संवाद और व्यापक परामर्श को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।