प्रशासनिक व्यय 9% हुआ, मनरेगा में 125 दिन रोजगार की गारंटी: शिवराज

Mon 22-Dec-2025,04:25 PM IST +05:30

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प्रशासनिक व्यय 9% हुआ, मनरेगा में 125 दिन रोजगार की गारंटी: शिवराज
  • प्रशासनिक व्यय 6% से बढ़ाकर 9% करने से पंचायत स्तर के कर्मचारियों को समय पर वेतन और बेहतर कार्य वातावरण सुनिश्चित होगा।

  • मनरेगा के तहत अब 125 दिन रोजगार की कानूनी गारंटी, देर से भुगतान पर अतिरिक्त मजदूरी का प्रावधान लागू।

  • विकसित भारत ग्राम योजना के तहत जल संरक्षण, बुनियादी ढांचा, आजीविका और आपदा प्रबंधन से जुड़े चार प्रकार के कार्य।

Madhya Pradesh / Bhopal :

Bhopal/ केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से सोमवार को भोपाल में विभिन्न राज्यों के रोजगार सहायकों ने मुलाकात की और प्रशासनिक व्यय को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किए जाने के निर्णय पर आभार व्यक्त किया। इस दौरान मंत्री ने स्पष्ट किया कि पंचायत स्तर पर कार्यरत रोजगार सहायकों, पंचायत सचिवों और तकनीकी स्टाफ को समय पर वेतन न मिलना एक गंभीर समस्या थी, जिसे दूर करने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रशासनिक व्यय को डेढ़ गुना बढ़ाकर 9 प्रतिशत करने से कुल प्रस्तावित बजट 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ रुपये में से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक जरूरतों के लिए सुनिश्चित की गई है। इससे वेतन भुगतान में देरी की समस्या खत्म होगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशासनिक मद में किसी भी तरह का अनावश्यक खर्च न हो और जीप-गाड़ी जैसी गैर-जरूरी चीजों पर सख्त नियंत्रण रखा जाएगा।

मंत्री ने बताया कि रोजगार सहायकों द्वारा वेतन में देरी और भुगतान रोके जाने की शिकायतें सामने आई थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए नियमों में यह प्रावधान किया गया है कि सबसे पहले वेतन का भुगतान होगा, उसके बाद अन्य प्रशासनिक खर्च किए जाएंगे। इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय कर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

मनरेगा को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब 100 के बजाय 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी गई है। खेती के पीक सीजन को देखते हुए राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वे कटाई-बुवाई के समय अधिकतम 60 दिन तक कृषि कार्यों में मजदूरों को लगाने के लिए अधिसूचना जारी कर सकें, ताकि किसानों को श्रमिक संकट का सामना न करना पड़े।

उन्होंने बताया कि पुरानी कमियों को दूर कर VB-G RAM G (विकसित भारत ग्राम योजना) को अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाया गया है। प्रशासनिक व्यय बढ़ाने से जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों की परेशानियों को कम करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने रोजगार सहायकों से आग्रह किया कि वे इस फैसले की सही जानकारी नीचे तक पहुंचाएं और भरोसा दिलाया कि आगे भी सुझावों के आधार पर सुधार किए जाते रहेंगे।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकसित भारत ग्राम योजना अब विधेयक से आगे बढ़कर अधिनियम बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस योजना को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि रोजगार की गारंटी को पहले से अधिक मजबूत किया गया है। यदि 15 दिन के भीतर मजदूरी का भुगतान नहीं होता है, तो मजदूर को अतिरिक्त राशि दी जाएगी। मजदूरी दरें जारी रहेंगी और हर साल तय फार्मूले के तहत बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत चार श्रेणियों में काम किए जाएंगे, जल संरक्षण, बुनियादी ढांचा, आजीविका आधारित कार्य और प्राकृतिक आपदा से बचाव से जुड़े निर्माण। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप, विकसित ग्राम पंचायत योजना में विकास कार्यों का निर्णय गांव स्वयं करेगा और योजनाएं जमीन पर दिखाई देंगी।