Make in India को बढ़ावा: IOL-सैफरान समझौते से भारत में उन्नत युद्ध प्रणालियाँ
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IOL और सैफरान का सहयोग भारत में SIGMA 30N और CM3-MR प्रणालियों के स्वदेशी विकास को गति देगा।
समझौते से विकास, असेंबली, परीक्षण और लाइफ-साइकिल सपोर्ट देश में ही सुनिश्चित होगा, मेक-इन-इंडिया को बल।
साझेदारी से रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम मजबूत होगा और थल सेना की परिचालन तत्परता बढ़ेगी।
नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मेक-इन-इंडिया विज़न को आगे बढ़ाते हुए मिनी नवरत्न रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL) ने सैफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के साथ दो अत्याधुनिक युद्ध प्रणालियों के भारत में विकास के लिए सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 22 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार, IOL के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री तुषार त्रिपाठी और सैफरान की रक्षा वैश्विक व्यापार इकाई के प्रमुख श्री एलेक्जेंडर जिग्लर की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
सहयोग के तहत जिन दो सक्षम युद्ध प्रणालियों का विकास होगा, उनमें SIGMA 30N डिजिटल रिंग लेज़र जाइरो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और CM3-MR डायरेक्ट फायरिंग साइट शामिल हैं। SIGMA 30N का उपयोग तोपखाने, वायु रक्षा प्रणालियों, मिसाइलों और रडारों में किया जाता है, जबकि CM3-MR को तोपखाने और ड्रोन-रोधी प्रणालियों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह समझौता जनवरी 2024 के MoU के अनुरूप भारत में उन्नत प्रणालियों के विकास और दीर्घकालिक समर्थन के लिए दोनों भागीदारों की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। साझेदारी के तहत IOL विकास, अंतिम संयोजन, परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण और लाइफ-साइकिल सपोर्ट की जिम्मेदारी संभालेगा, जिससे प्रणालियाँ भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप हों।
IOL की औद्योगिक क्षमताओं और सैफरान की इनर्शियल नेविगेशन व फायर-कंट्रोल में वैश्विक विशेषज्ञता का यह संयोजन भारत के रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम को सुदृढ़ करेगा। साथ ही, यह सहयोग थल सेना की तत्परता, सटीकता और प्रदर्शन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षमताएँ और मजबूत होंगी।