Uttar Pradesh Ration Card | लाखों परिवारों को राहत: यूपी में राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया दोबारा शुरू
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यूपी में राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया फिर शुरू.
SSDG पोर्टल पर लंबित आवेदनों का सत्यापन.
पात्र परिवारों को योजनाओं से जोड़ने पर जोर.
Lucknow / लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड बनवाने का इंतजार कर रहे लाखों लोगों के लिए राहत भरी खबर है। खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश ने राज्य में राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस संबंध में अपर आयुक्त, खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पूर्ति अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश भेजे गए हैं। आदेश के अनुसार, पात्र आवेदकों के राशन कार्ड सत्यापन के बाद जारी किए जाएंगे, ताकि कोई भी पात्र परिवार सरकारी खाद्यान्न योजनाओं से वंचित न रहे।
खाद्य एवं रसद विभाग के कार्यालय, जवाहर भवन, लखनऊ से जारी आदेश में कहा गया है कि उच्च स्तर पर बैठकों के दौरान यह बात सामने आई थी कि कई जनपदों में पात्र आवेदकों द्वारा राशन कार्ड के लिए आवेदन करने के बावजूद लंबे समय से कार्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं। इसके कारण लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने यह निर्णय लिया है कि सभी लंबित आवेदनों का सत्यापन कर पात्र लाभार्थियों को राशन कार्ड उपलब्ध कराए जाएं।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि 17 दिसंबर 2025 को ऑनलाइन राशन कार्ड प्रणाली (SSDG) के माध्यम से प्राप्त आवेदनों एवं जनपदों में राशन कार्ड की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि प्रदेश में राशन कार्ड यूनिटों की कुल संख्या शहरी क्षेत्रों में 16,01,768 और ग्रामीण क्षेत्रों में 31,94,606 है। इस प्रकार कुल राशन कार्ड यूनिटों की संख्या 47,96,374 दर्ज की गई। वहीं, SSDG पोर्टल पर राशन कार्ड के लिए लंबित आवेदनों की संख्या 81,709 पाई गई।
जिलावार समीक्षा में यह भी सामने आया कि कुछ जनपदों में SSDG पर लंबित आवेदनों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। इनमें सीतापुर, बरेली, बिजनौर, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, प्रयागराज, बुलंदशहर, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर और रामपुर जैसे जनपद प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा, जनसंख्या के सापेक्ष सर्वाधिक राशन कार्ड यूनिट वाले जिलों में कानपुर नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, गोंडा, आगरा, लखनऊ, संभल, अलीगढ़, प्रयागराज और आजमगढ़ शामिल हैं।
विभाग ने सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया है कि SSDG पर लंबित आवेदनों का प्राथमिकता के आधार पर सत्यापन कराया जाए। सत्यापन के दौरान जनपद की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए केवल पात्र व्यक्तियों को ही राशन कार्ड जारी किए जाएं। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी अपात्र व्यक्ति को गलत तरीके से राशन कार्ड का लाभ न मिले।
आदेश में यह भी कहा गया है कि SSDG के अतिरिक्त अन्य माध्यमों से प्राप्त राशन कार्ड आवेदनों का भी सत्यापन किया जाए। पात्रता की जांच के बाद नियमानुसार राशन कार्ड जारी किए जाएं। जिला स्तर पर यह जिम्मेदारी तय की गई है कि कोई भी पात्र परिवार राशन कार्ड से वंचित न रहे। भविष्य में यदि किसी पात्र व्यक्ति के राशन कार्ड न बनने को लेकर शिकायत प्राप्त होती है, तो उसका समयबद्ध और संतोषजनक निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
खाद्य एवं रसद विभाग का मानना है कि राशन कार्ड न केवल सस्ते गल्ले की दुकानों से खाद्यान्न प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि यह कई सरकारी योजनाओं से जुड़ा एक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी है। ऐसे में पात्र परिवारों को राशन कार्ड से वंचित रखना सामाजिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टि से उचित नहीं है। इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को दोबारा गति दी गई है।
विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जनपदों में नियमित समीक्षा बैठकें करें और राशन कार्ड से संबंधित प्रगति की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजें। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि शासन के निर्देशों का सही तरीके से अनुपालन हो रहा है और लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ समय पर पहुंच रहा है।
राशन कार्ड बनना पुनः शुरू होने से उन हजारों परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से आवेदन करने के बावजूद कार्ड जारी होने का इंतजार कर रहे थे। खासकर गरीब, मजदूर और जरूरतमंद वर्ग के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि जिला स्तर पर अधिकारी कितनी तेजी और पारदर्शिता के साथ इस प्रक्रिया को पूरा करते हैं, ताकि शासन की मंशा के अनुरूप हर पात्र व्यक्ति को उसका हक मिल सके।