भारत में Covid-19 मामलों में फिर उछाल: जानिए नए सब-वेरिएंट JN.1 के बारे में विस्तार से
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कोविड-19 के JN.1 सब-वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में सबसे अधिक केस दर्ज हुए हैं।
विशेषज्ञों ने मास्क, आइसोलेशन और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
भारत समेत एशिया के कई हिस्सों में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। भारत में इस बार का संक्रमण JN.1 सब-वेरिएंट के कारण बढ़ रहा है, जिसे "पिरोला" स्ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है। यह स्ट्रेन ओमिक्रॉन से जुड़ा हुआ है और तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह वेरिएंट मौजूदा इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है, यानी चाहे किसी को पहले कोविड हो चुका हो या उसने वैक्सीन ली हो, फिर भी वह संक्रमित हो सकता है।
किन राज्यों में बढ़े मामले?
भारत में केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों में सबसे अधिक कोविड मामलों की रिपोर्ट सामने आई है। मुंबई में मई महीने में अब तक 95 कोविड केस सामने आ चुके हैं, जबकि जनवरी से अब तक महाराष्ट्र में कुल 106 केस थे। यह तेज़ी से बढ़ते मामलों का संकेत है। कई मरीजों को KEM अस्पताल से Seven Hills Hospital में शिफ्ट किया गया है ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके।
गुजरात में फिलहाल 34 एक्टिव केस हैं, जिनमें से 32 सिर्फ अहमदाबाद शहर में हैं। सभी मरीजों को हल्के लक्षण हैं, इसलिए उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। एक ही मरीज की सिंगापुर यात्रा की हिस्ट्री है, बाकी स्थानीय संपर्क से संक्रमित हुए हैं।
पुणे में केवल एक मामला दर्ज किया गया है, और अस्पतालों में 50 बेड रिज़र्व किए गए हैं। हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में कुल तीन मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो गुरुग्राम और एक फरीदाबाद से है। ये सभी मरीज फिलहाल आइसोलेशन में हैं।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी मामले बढ़े हैं। चेन्नई के डॉक्टरों के अनुसार, जो मरीज पहले इन्फ्लूएंजा के लक्षणों के साथ आ रहे थे, उनमें अब कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आ रही है। इसका मतलब है कि अब वायरल संक्रमण का रूप बदल रहा है।
क्या है JN.1 और इसके नए सब-वेरिएंट?
JN.1 सब-वेरिएंट BA.2.86 का हिस्सा है, जिसे 'पिरोला' भी कहा जाता है। इसके दो और सब-वेरिएंट - OF.7 और NB.1.8 - भी सामने आए हैं, जो अत्यधिक संक्रामक हैं। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इसे "Variant of Interest" यानी निगरानी में रखे जाने वाला वेरिएंट घोषित किया है, हालांकि अभी इसे "Variant of Concern" यानी चिंता का विषय नहीं माना गया है।
डॉ. जतिन आहूजा, अपोलो अस्पताल, दिल्ली के अनुसार, "यह स्ट्रेन भले ही ज्यादा संक्रामक हो, लेकिन इसके लक्षण ओमिक्रॉन जैसे ही हैं।" अधिकांश मरीजों को बुखार, खांसी और जुकाम जैसे हल्के लक्षण ही हैं।
अंतरराष्ट्रीय हालात
भारत के अलावा सिंगापुर और हांगकांग में भी इस स्ट्रेन के कारण मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सिंगापुर में मई के पहले सप्ताह में कोविड मामलों में 28% की वृद्धि हुई है, जबकि हांगकांग में चार सप्ताह में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 6.21% से बढ़कर 13.66% हो गया है।
क्यों बढ़ रहा है संक्रमण?
- विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड के मामले बढ़ने के पीछे कई कारण हैं:
- घटती इम्यूनिटी: समय के साथ वैक्सीन और संक्रमण से बनी प्रतिरक्षा कम हो रही है।
- सामाजिक मेलजोल में बढ़ोतरी: त्योहार, भीड़, और यात्राएं संक्रमण को बढ़ावा दे रही हैं।
- सावधानियों में कमी: मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों में ढील।
- मौसम: बदलते मौसम में वायरस के फैलने की क्षमता बढ़ जाती है।
क्या करें सावधानी?
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें
- मास्क पहनें और हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
- लक्षण दिखने पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं
- वृद्ध और बीमार व्यक्तियों की विशेष देखभाल करें
निष्कर्ष
हालांकि कोविड के नए मामलों की संख्या अभी बहुत अधिक नहीं है, लेकिन नए वेरिएंट की संक्रामकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर हैं, और जनता से भी सतर्कता की उम्मीद की जा रही है।