BLO सर्वेश सिंह की आत्महत्या पर देशभर में बवाल, वायरल वीडियो से बढ़ी बहस, काम का दबाव या काम चोरी की आदत

Mon 01-Dec-2025,07:58 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

BLO सर्वेश सिंह की आत्महत्या पर देशभर में बवाल, वायरल वीडियो से बढ़ी बहस, काम का दबाव या काम चोरी की आदत
  • BLO सर्वेश सिंह की आत्महत्या पर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंटा, कुछ कामचोरी तो कुछ सरकारी दबाव को जिम्मेदार बता रहे हैं।

  • वायरल वीडियो में सर्वेश सिंह भावुक होकर मां से आखिरी बार बात करते दिखे, सुसाइड नोट में SIR काम का दबाव लिखा।

  • Election Commission, SIR प्रक्रिया और सरकारी सिस्टम की भूमिका पर जनता, शिक्षकों और राजनीतिक वर्ग में गंभीर बहस छिड़ी हुई है।

Delhi / New Delhi :

मुरादाबाद/ उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में SIR (Special Intensive Revision) वर्क प्रेशर में आत्महत्या करने वाले BLO सर्वेश सिंह का भावुक वीडियो सामने आने के बाद मामला गरमाया हुआ है। सर्वेश सिंह ने 30 नवंबर को फंदे से लटककर अपनी जान दे दी थी। वह शिक्षक थे और BLO ड्यूटी पर तैनात थे। तीन पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने SIR काम का दबाव, मौके पर सहयोग न मिलने और मानसिक तनाव का उल्लेख किया था।
अब उनका रोते हुए रिकॉर्ड किया गया वीडियो वायरल है, जिसमें वे कहते हैं- “मां, मैं जीना चाहता हूं, लेकिन…” यह वीडियो सोशल मीडिया पर तीखी बहस का केंद्र बन गया है।

सोशल मीडिया पर बवाल: लोग दो गुटों में बंट गए

सोशल मीडिया पर उनकी मौत को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे सरकारी सिस्टम की विफलता बता रहे हैं, जबकि कई लोग इसे “कामचोरी और कायरता” बता रहे हैं। बहस इतनी उग्र है कि लोग एक-दूसरे पर आरोप तक लगा रहे हैं।


चुनी हुई प्रमुख टिप्पणियाँ (Verified Handles के साथ)

कामचोरी का आरोप लगाने वाले उपयोगकर्ता

Ram Yadav (@yadav_ram108) लिखते हैं:
“इसको कायरता कहते हैं। काम ही तो करना था, किसी का कत्ल थोड़ी? बैठे-बैठे पगार चाहिए। ऐसे निकम्मे लोगों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है।”

Mr Tyagi (@mktyaggi) ने लिखा:
“Target पूरा नहीं किया तो इतना बड़ा निकम्मा? इससे कहीं ज्यादा प्रेशर प्राइवेट नौकरी में रोज़ आता है। लोग तनाव झेलते हैं लेकिन आत्महत्या नहीं करते।”

I'm Indian (Anil Shukla) (@vaskumar_1976) ने कड़ा रुख दिखाते हुए कहा:
“जुगाड़ से नौकरी मिली, अब काम करने को बोल दिया तो जान दे दी? पढ़े-लिखे लोगों को मौका देना चाहिए था।”


सिस्टम को दोष देने वाले लोग

Mohammad Ekramullah (@1Mbbs) का आरोप है:
“Election Commission और सरकार की नीतियों का नतीजा है ये… कितनी और जानें जाएंगी?”

Mohammad Arif Ansari (@Moarif9093) ने लिखा:
“BLO की मौतों को लेकर ECI पर FIR होनी चाहिए। यह सामूहिक हत्या है।”


निष्पक्ष नज़रिया रखने वाले

Raviee (@raviee_in) कहते हैं:
“लोग भावना विहीन हो चुके हैं? हर बात को राजनीतिक रंग देना गलत है। किसी की मौत पर मज़ाक नहीं बनना चाहिए।”

Amarendra (@asb401) लिखते हैं:
“हर मौत के पीछे एक वजह नहीं होती, कई कारण मिलकर एक इंसान को तोड़ देते हैं। काम कोई भी करता, दबाव होता है।”


BLO के काम को लेकर भी मतभेद

कई लोग लिख रहे हैं कि BLO की जिम्मेदारी मामूली होती है- एक बूथ, लगभग 900–1200 मतदाता और कुछ फॉर्म अपडेट करना।
DK Singh (@AdmDksingh29309) कहते हैं:
“एक बूथ संभालने में इतना प्रेशर कैसे? बाकी BLO भी काम कर रहे हैं। यह या तो राजनीति है या कामचोरी।”

जबकि दूसरी तरफ लोग कह रहे हैं कि जनता SIR फॉर्म भरने के नाम पर बहाने बनाती है और BLO को कई बार चक्कर काटने पड़ते हैं। यही असली तनाव है।