छत्तीसगढ़ पहुंचे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री, भिलाई में हनुमान चालीसा कथा
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कांकेर घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने हिंदू समाज की एकता की सराहना और शांति बनाए रखने की अपील की।
धर्मांतरण को गंभीर सामाजिक चुनौती बताते हुए शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया गया।
Bhilai/ आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पांच दिवसीय हनुमान चालीसा कथा के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को एक बार फिर छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने इसे चंदखुरी मैया, राजीव लोचन भगवान और बागेश्वर बाबा की कृपा बताया।
आचार्य शास्त्री ने जानकारी दी कि भिलाई में हनुमान चालीसा पर आधारित पांच दिवसीय कथा आयोजित की जा रही है, जिसमें एक दिन दिव्य दरबार भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संकल्प भारत को भव्य, दिव्य और विश्व गुरु बनाने का है, जहां देश-विदेश से बच्चे शिक्षा और संस्कार ग्रहण करने आएं।
कांकेर की हालिया घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन हिंदू समाज ने जिस एकता का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि देश के किसी भी हिस्से में बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने तीखा बयान देते हुए कहा कि भारत में यह समस्या कैंसर से भी अधिक खतरनाक होती जा रही है। उन्होंने शिक्षा की कमी, अंधविश्वास और आर्थिक तंगी को धर्मांतरण के प्रमुख कारण बताया। आचार्य शास्त्री के अनुसार, गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोग जल्दी लालच में आ जाते हैं, इसलिए हिंदू समाज को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाना आवश्यक है।
उन्होंने यह भी बताया कि एकांतवास के दौरान उन्होंने ‘दिव्य चेतना आत्मा’ नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें आत्मा और भक्ति के गहरे संबंध को सरल भाषा में समझाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि जशपुर में भी जल्द कथा का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य घर वापसी और सनातन चेतना को और अधिक मजबूत करना है।