भोपाल नर्स मौत मामला: एनेस्थीसिया ओवरडोज की आशंका, लिव-इन पार्टनर जांच के घेरे में
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भोपाल के कोलार क्षेत्र में नर्स की संदिग्ध मौत, एनेस्थीसिया ओवरडोज और लिव-इन रिलेशनशिप एंगल से पुलिस जांच तेज।
फॉरेंसिक जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल सामग्री की बरामदगी से मामले की परतें खुलने की उम्मीद।
Bhopal/ राजधानी भोपाल के कोलार थाना क्षेत्र में एक नर्स की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से सनसनी फैल गई है। 30 वर्षीय मेघा यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में मामला एनेस्थीसिया के ओवरडोज से जुड़ा माना जा रहा है, जिसे पुलिस संदिग्ध आत्महत्या के तौर पर देख रही है।
जानकारी के अनुसार, मेघा यादव जेके हॉस्पिटल के पास किराए के मकान में रहती थी और एक निजी अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत थी। वह पिछले चार वर्षों से एक युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। परिजनों का आरोप है कि युवक द्वारा शादी से इनकार किए जाने के बाद मेघा मानसिक तनाव में थी।
घटना के दिन एक युवक ने गंभीर हालत में मेघा को अस्पताल पहुंचाया और खुद को उसका मुंहबोला भाई बताया। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वह युवक वहां से चला गया। बाद में इलाज के दौरान मेघा की मौत हो गई। युवक की पहचान रूपेश साहू के रूप में हुई है, जिसकी भूमिका की जांच की जा रही है।
अस्पताल से सूचना मिलने पर कोलार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। फॉरेंसिक टीम ने युवती के कमरे की तलाशी ली, जहां से मेडिकल उपकरण और दवाइयां बरामद की गई हैं। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि एनेस्थीसिया युवती के पास कैसे पहुंचा।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लिव-इन पार्टनर की भूमिका, मानसिक तनाव, दवाओं की उपलब्धता और घटनाक्रम की टाइमलाइन सहित हर पहलू की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।