दक्षिण भारत नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 में किसानों से रूबरू हुए प्रधानमंत्री मोदी

Thu 20-Nov-2025,01:50 PM IST +05:30

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दक्षिण भारत नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 में किसानों से रूबरू हुए प्रधानमंत्री मोदी South India Natural Farming Summit 2025
  • कृषि में नवाचार, स्थिरता और परंपरा की सराहना। 

  • तमिलनाडु के GI टैग वाले उत्पादों की सराहना। 

  • मोरिंगा उत्पादों की वैश्विक मांग। 

Tamil Nadu / Coimbatore :

Coimbatore / दक्षिण भारत नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर में किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने केले के अपशिष्ट से तैयार वैल्यू-ऐडेड उत्पादों, प्राकृतिक तरीकों से उगाई गई सब्ज़ियों-फलों और तमिलनाडु के GI टैग उत्पादों की विशेष रूप से सराहना की। किसानों ने बताया कि उनके द्वारा तैयार उत्पाद देशभर के सुपरमार्केट के साथ-साथ अमेरिका, अफ्रीकी देशों, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया में निर्यात किए जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने मोरिंगा (सहजन) की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग, चाय की विभिन्न प्रजातियों-काली, सफेद, ग्रीन और ऊलौंग-की गुणवत्ता पर चर्चा की। उन्होंने पारंपरिक धान की लगभग 1,000 किस्मों की अनूठी विरासत को सराहते हुए कहा कि धान के क्षेत्र में तमिलनाडु का कार्य वैश्विक स्तर पर अद्वितीय है।

प्रधानमंत्री मोदी से संवाद के दौरान किसानों ने बताया कि बड़ी संख्या में युवा, यहां तक कि PhD धारक भी, प्राकृतिक खेती की ओर लौट रहे हैं और प्रति माह दो लाख रुपये तक कमा रहे हैं। उनके मॉडल फार्म में अब तक 7,000 किसानों और 3,000 कॉलेज छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में अपने कार्यकाल के दौरान लागू किए गए ‘कैटल हॉस्टल’ मॉडल का उदाहरण देते हुए बताया कि इससे गांव स्वच्छ रहते हैं और पशुपालन प्रणाली अधिक संगठित बनती है। किसानों ने कहा कि इस मॉडल से जीवरामृत का बड़े पैमाने पर उत्पादन भी संभव होता है। इस पूरे कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि और केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी उपस्थित रहे।