IIT ISM धनबाद में क्रिटिकल मिनरल्स सेंटर व वीआर माइन सिम्युलेटर का उद्घाटन
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केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आईआईटी आईएसएम धनबाद में नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया।
छात्रों से संवाद में मंत्री ने तकनीक, सस्टेनेबिलिटी और नवाचार के जरिए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर जोर दिया।
Jharkhand/ दो दिवसीय झारखंड दौरे पर आए केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कल आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने देश के पहले वर्चुअल रियलिटी आधारित माइन सिम्युलेटर (VRMS) का भी लोकार्पण किया। यह पहल भारत के खनन क्षेत्र को तकनीक, सुरक्षा और अनुसंधान के माध्यम से नई दिशा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
उद्घाटित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और औद्योगिक-स्तर के समाधानों के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में कार्य करेगा। यह केंद्र महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, निष्कर्षण, प्रसंस्करण, रीसाइक्लिंग, रीयूज और वेस्ट-टू-वेल्थ जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा। यह सेंटर उद्योग जगत के अग्रणी संगठनों के साथ-साथ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और सेंट पीटर्सबर्ग विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी करेगा। इसके अतिरिक्त, आईआईटी गांधीनगर, आईआईटी बीएचयू और सीपीआई (यूके) से इसे अधोसंरचना सहयोग भी प्राप्त होगा।
कोल इंडिया लिमिटेड तथा उसकी सहायक कंपनियों-नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सहयोग से विकसित वीआरएमएस कोयला खनन सुरक्षा और उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण मंच है। 360-डिग्री इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी थिएटर से सुसज्जित यह सिम्युलेटर वास्तविक खदानों के डेटा पर आधारित है और भारी मशीनरी संचालन व सुरक्षा मानक प्रक्रियाओं से जुड़े 20 से अधिक प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रदान करता है। इससे प्रशिक्षण समय में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आने और सुरक्षा तैयारियों में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री ने आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के छात्रों और युवा शोधकर्ताओं के साथ आरडी चौक पर अनौपचारिक संवाद किया। चाय पर हुई इस बातचीत में छात्रों ने अपने शोध, करियर आकांक्षाओं और खनन क्षेत्र में तकनीक व सस्टेनेबिलिटी की भूमिका पर खुलकर विचार साझा किए। मंत्री ने छात्रों को पारंपरिक भूमिकाओं से आगे बढ़कर स्वयं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले ‘प्रॉब्लम-सॉल्वर’ के रूप में देखने के लिए प्रेरित किया।
अपने संबोधन में श्री रेड्डी ने कहा कि इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स न केवल कुशल माइनिंग प्रोफेशनल्स तैयार करता है, बल्कि यह नवाचार और तकनीकी सोच का भी प्रमुख केंद्र है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है, जहाँ तकनीक, महत्वपूर्ण खनिज, सस्टेनेबिलिटी और राष्ट्रीय सुरक्षा आत्मनिर्भर भारत के विजन को गति दे रहे हैं। उन्होंने कोल सेतु, कोयला शक्ति डैशबोर्ड और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और सुरक्षा को नई मजबूती दे रही है।