कंटेंट क्रिएटर और AI इनोवेशन में संतुलन हेतु DPIIT ने हाइब्रिड कॉपीराइट मॉडल प्रस्तावित

Tue 09-Dec-2025,01:49 PM IST +05:30

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कंटेंट क्रिएटर और AI इनोवेशन में संतुलन हेतु DPIIT ने हाइब्रिड कॉपीराइट मॉडल प्रस्तावित
  • AI डेवलपर्स के लिए प्रशिक्षण सामग्री के उपयोग पर व्यापक लाइसेंस की मंजूरी, रॉयल्टी केवल व्यावसायिक उपयोग पर लागू होगी।

  • कंटेंट क्रिएटर और AI इंडस्ट्री के हितों में संतुलन सुनिश्चित करने हेतु रॉयल्टी संग्रह और वितरण का केंद्रीकृत तंत्र प्रस्तावित।

  • DPIIT ने 30 दिनों के भीतर आम जनता और हितधारकों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की, नीति ढांचे को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कॉपीराइट कानून के बीच संतुलन का विश्लेषण करते हुए अपने कार्य पत्र का पहला भाग प्रकाशित किया है। यह कार्य पत्र 28 अप्रैल 2025 को गठित आठ सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य जनरेटिव AI से जुड़ी कानूनी चुनौतियों का समाधान और आवश्यकता पड़ने पर कानून में संशोधन का सुझाव देना है।

कार्य पत्र में वैश्विक मॉडलों जैसे व्यापक छूट, टेक्स्ट और डेटा माइनिंग अपवाद, ऑप्ट-आउट सिस्टम, स्वैच्छिक एवं विस्तारित लाइसेंसिंग की उपयुक्तता पर चर्चा की गई है। इन ढाँचों की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए समिति ने एक नया हाइब्रिड नीति मॉडल प्रस्तावित किया है, जिसका उद्देश्य कंटेंट क्रिएटर्स और AI इनोवेटर्स दोनों के हितों के बीच संतुलन स्थापित करना है।

प्रस्तावित मॉडल के तहत एआई डेवलपर्स कानूनी रूप से एक्सेस की गई सामग्री को प्रशिक्षण के लिए व्यापक लाइसेंस के तहत उपयोग कर सकेंगे और व्यक्तिगत कॉन्ट्रैक्ट की आवश्यकता नहीं होगी। रॉयल्टी केवल AI उपकरणों के व्यावसायिक उपयोग पर देय होगी, जिसकी दरें सरकार द्वारा नियुक्त समिति तय करेगी तथा यह प्रक्रिया न्यायिक समीक्षा के अधीन होगी। रॉयल्टी संग्रह और वितरण के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र का भी प्रस्ताव किया गया है, ताकि पारदर्शिता और क़ानूनी निश्चितता बनी रहे तथा छोटे-बड़े सभी एआई डेवलपर्स के लिए समान अवसर सुनिश्चित हों।

समिति ने शून्य मूल्य लाइसेंस मॉडल को खारिज किया है, यह तर्क देते हुए कि इससे मानव रचनात्मकता को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और भविष्य में मानव निर्मित सामग्री के उत्पादन में कमी आ सकती है।

कार्य पत्र के निर्माण में डॉ. राघवेन्द्र राव का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जबकि सुश्री डी. श्रीप्रिया, श्री कुशल वधावन और सुश्री प्रियंका अरोड़ा ने भी सहयोग किया। DPIIT ने प्रस्तावित मॉडल पर प्रतिक्रियाएँ आमंत्रित करते हुए 30 दिनों के लिए जनता और हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।