Delhi-NCR में गंभीर प्रदूषण: CQAM ने लागू किया ग्रैप-4, ट्रकों पर बैन और वर्क फ्रॉम ऑफिस नियम

Sat 13-Dec-2025,09:25 PM IST +05:30

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Delhi Air Polution Alert
  • दिल्ली-एनसीआर में AQI अति गंभीर स्तर पर.

  • ग्रैप-4 लागू, कड़े प्रतिबंध प्रभावी.

  • प्रदूषण से राहत के लिए सख्त कदम.

Delhi / Delhi :

Delhi / दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है और हालात अब बेहद चिंताजनक स्तर पर पहुंच गए हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण और खतरनाक तरीके से ऊपर जा रहे AQI को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) ने पूरे क्षेत्र में ग्रैप-4 लागू करने का फैसला लिया है। यह इस सीजन में पहली बार है जब ग्रैप का सबसे सख्त चरण लागू किया गया है, जो स्थिति की गंभीरता को साफ दर्शाता है।

दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच चुका है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। शनिवार शाम को आनंद विहार जैसे घनी आबादी वाले इलाके में AQI 488 दर्ज किया गया, जो “अति गंभीर” श्रेणी में आता है। चारों तरफ धुंध की मोटी चादर छाई हुई है और दृश्यता भी काफी कम हो गई है।

ग्रैप-4 लागू होते ही कई कड़े प्रतिबंध प्रभावी हो जाएंगे। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रकों की एंट्री पर बैन लगाया जा सकता है, सिवाय आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों के। इसके अलावा कई सार्वजनिक निर्माण कार्यों को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया जा सकता है ताकि धूल और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

ग्रैप-4 के नियमों के अनुसार, सीएनजी और बीएस-6 डीजल वाहनों को छोड़कर, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड गैर-आवश्यक हल्के कमर्शियल वाहनों पर भी रोक लग सकती है। वहीं, सरकारी और गैर-सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम ऑफिस लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सके।

स्कूलों को लेकर भी अहम कदम उठाए जा सकते हैं। ग्रैप-4 के तहत स्कूलों में पढ़ाई हाइब्रिड मोड पर चलाने की संभावना है, जिसमें बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प दिए जाएंगे। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक आदेश का इंतजार है।

गौरतलब है कि AQI के स्तर के आधार पर ग्रैप के अलग-अलग चरण लागू होते हैं। AQI 201 से 300 होने पर ग्रैप-1, 301 से 400 पर ग्रैप-2, 401 से 450 पर ग्रैप-3 और 450 से ऊपर पहुंचने पर ग्रैप-4 लागू किया जाता है। मौजूदा हालात साफ संकेत दे रहे हैं कि दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण से राहत पाने के लिए सख्त कदमों की सख्त जरूरत है।